
UP एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती में फिर फर्जीवाड़ा, पुराने सबूतों की फाइलें जलीं!
AajTak
साल 2008 में यूपी में एक्स रे टेक्निशियन की भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था. जांच के बाद जिस फाइल में फर्जीवाड़े के सारे सबूत थे, कहा जाता है वे फाइल अब जल चुकी हैं. यह मामला अनसुलझा था कि अब एक्स रे टेक्निशियन के लिए सा 2016 में जो एग्जाम हुआ उसमें भी धांधली की खबर सामने आई है.
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में साल 2008 में हुई एक्स-रे टेक्नीशियन की भर्ती में फर्जीवाड़ा हुआ था. एक मामला अभी खत्म नहीं हुआ कि अब सामने आया है कि साल 2016 में एक्स-रे टेक्नीशियन के लिए जो भर्ती हुई थी, उसमें भी धांधली की गई है. साल 2008 में निर्धारित 79 पदों से ज़्यादा 140 लोगों की भर्ती कराई गई और वे नौकरी करने लगे.
साल 2016 की भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा
साल 2016 में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में 403 एक्स-रे टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती हुई थी. इस भर्ती में एक ही नाम के कई लोगों को नौकरी देने का मामला सामने आया. स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई और लखनऊ के वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी गई. साल 2016 में हुई एक्स-रे टेक्नीशियन की भर्ती के मामले में अभी डायरेक्टर पैरामेडिकल की अध्यक्षता में जांच चल ही रही है कि स्वास्थ्य विभाग में एक और एक्स-रे टेक्नीशियन की भर्ती का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है.
साल 2008 में हुई परीक्षा में क्या हुआ था
साल 2008 में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 79 एक्स-रे टेक्नीशियन की भर्ती निकाली. 27 जुलाई 2008 से 29 जुलाई 2008 के बीच अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए गए. 25 अगस्त 2008 को 79 चयनित लोगों की लिस्ट जारी कर दी गई. चयनित किए गए अभ्यर्थियों ने 26 अगस्त 2008 से 15 सितंबर 2008 के बीच अपने-अपने नियुक्ति वाले जिले की सीएचसी पर जॉइन भी कर लिया, लेकिन इन 79 चयनित एक्स-रे टेक्नीशियन की जॉइनिंग के बाद भी इसी भर्ती के तहत 61 और लोगों को जॉइनिंग दी गई. यानी, भर्ती 79 लोगों की थी, लेकिन पदों से अधिक 140 लोगों को नौकरी दे दी गई.
जिन सीएचसी में 1 से 2 एक्स-रे टेक्नीशियन नियुक्त होते थे, वहां 5 से 8 एक्स-रे टेक्नीशियन जॉइन कराए गए और फिर उनका तबादला दूसरे जिलों में कर दिया गया. 79 एक्स-रे टेक्नीशियन के पदों पर हुई भर्ती में जॉइन हुए 140 एक्स-रे टेक्नीशियन का पूरा ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर भी दर्ज करवाया गया और उनको सरकारी खजाने से हर महीने तनख्वाह भी दी गई. जिन 61 अतिरिक्त लोगों को जॉइनिंग दी गई, उन सभी ने 20 सितंबर 2008 से जून 2009 के बीच जॉइन किया.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









