अप्रैल 2016 में तत्कालीन सीआईसी ने गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एमए डिग्री के बारे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जानकारी दें. विश्वविद्यालय ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. अब कोर्ट ने सीआईसी का आदेश रद्द करते हुए केजरीवाल पर 25 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया है.
यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों द्वारा देश के मुख्य न्यायाधीश की स्वत: संज्ञान शक्तियों पर सवाल उठाने के बाद सामने आया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने कहा है कि संसद द्वारा सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर) बिल, 2023 के पारित होने से सुप्रीम कोर्ट संस्थागत रूप से मज़बूत होगा.
13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 71 लोगों की मौत हो गई थी. ट्रायल कोर्ट ने साल 2019 में मामले के चार आरोपियों को मौत की सज़ा सुनाई थी. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य का कोई भी पहलू साबित नहीं हुआ और कुछ साक्ष्य मनगढ़ंत भी प्रतीत होते हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ जांच के निर्देश दिए.
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग गोले को 2016 में भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया गया था. 2018 में वे जेल से बाहर आए. इसके बाद उन्हें छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था, पर केंद्र ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के एक महत्वपूर्ण खंड को निरस्त कर दिया, जिससे भाजपा के सहयोगी तमांग मुख्यमंत्री बन सके.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अडानी एंटरप्राइजेज़ और अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड में निवेश करना जारी रखे हुए है. वह इस साल कम से कम सितंबर तक ऐसा करना जारी रखेगा. अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह की कंपनियों पर स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया है.
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों को अगस्त 2022 में गुजरात सरकार की क्षमा नीति के तहत रिहा कर दिया गया था. उनमें से एक शैलेश भट्ट भी थे, जो बीते शनिवार को एक सरकारी कार्यक्रम में भाजपा सांसद जसवंतसिंह भाभोर, उनके भाई और भाजपा विधायक शैलेश भाभोर के साथ मंच पर मौजूद थे.
उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस ने बजरंग दल के प्रदर्शन और धमकी के बाद एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा उनकी निजी इमारत में की जा रही सामूहिक तरावीह को रुकवा दिया. क्या अब यह सच नहीं कि मुसलमान या ईसाई का चैन और सुकून तब तक है जब तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संगठन कुछ और तय न करें? क्या अब उनका जीवन अनिश्चित नहीं हो गया है?
मनरेगा योजना को लेकर केंद्र सरकार की कुछ नीतियों के ख़िलाफ़ मज़दूर पिछले एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते 24 मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय में इस प्रदर्शन के समर्थन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, उन्हें कई घंटों के बाद छोड़ा गया.
देश के विभिन्न इलाकों से आए मनरेगा मज़दूर पिछले 30 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने मनरेगा बजट में एक तिहाई की कटौती करने के साथ मोबाइल ऐप आधारित उपस्थिति प्रक्रिया और आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है. मज़दूरों ने इसे योजना पर सरकार का तीन तरफ़ा हमला बताया है.
बीते 19 मार्च को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में लगे तिरंगे को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हटा दिया था. इस घटना के विरोध में भारत ने अपने राजनयिक परिसर की सुरक्षा के प्रति ब्रिटेन पर ‘उदासीनता’ का आरोप लगाया था. हालांकि इस घटना के बाद खालिस्तान समर्थकों ने फिर भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया.
हिमाचल प्रदेश के शहरी ग़रीब परिवारों को रोज़गार प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना शुरू की थी. आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के तहत काम की मांग बढ़ी है, लेकिन प्रत्येक मज़दूर को औसतन प्राप्त कार्य के दिनों की संख्या में कमी देखी गई है. इतना ही नहीं 2023-24 के बजट में राज्य की नई कांग्रेस सरकार ने इस योजना की अनदेखी की है.
विशेष: भगत सिंह चाहते थे कि स्वतंत्र भारत प्रगतिशील विचारों पर आधारित ऐसा देश बने, जिसमें सबके लिए समता व सामाजिक न्याय सुलभ हो. ऐसा तभी संभव है, जब उसके निवासी ऐसी वर्गचेतना से संपन्न हो जाएं, जो उन्हें आपस में ही लड़ने से रोके. तभी वे समझ सकेंगे कि उनके असली दुश्मन वे पूंजीपति हैं, जो उनके ख़िलाफ़ तमाम हथकंडे अपनाते रहते हैं.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि प्रेस राज्य की अवधारणा में चौथा स्तंभ है. एक स्वस्थ लोकतंत्र को पत्रकारिता को एक ऐसी संस्था के रूप में प्रोत्साहित करना चाहिए, जो सत्ता से कठिन सवाल पूछ सके. जब प्रेस को ऐसा करने से रोका जाता है तो किसी भी लोकतंत्र की जीवंतता से समझौता किया जाता है.
वीडियो: क्या नरेंद्र मोदी के अमृतकाल में लोगों का अपनी बात कहना 'विष' के समान है? राहुल गांधी लोकसभा में कुछ बोल नहीं सकते, जो लंदन में बोल आए हैं उसके लिए भी माफ़ी की मांग की जा रही है. वहीं, यूपी में एक पत्रकार मंत्री से सवाल पूछने के बाद गिरफ़्तार हो गए. इन मसलों को लेकर प्रोफेसर अपूर्वानंद और सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.
जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा भर्ती परीक्षा आयोजित करने के लिए ब्लैकलिस्टेड कंपनी ‘एप्टेक लिमिटेड’ को नियुक्त करने के प्रशासन के फैसले को लेकर उपराज्यपाल की आलोचना की जा रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह सरकार लोगों के मुद्दों को हल करने की कोशिश नहीं कर रही है. हम इस बात की जांच चाहते हैं कि एप्टेक को कौन लाया और धोखाधड़ी कहां हुई.