Shoaib Akhtar: 'बल्लेबाजों को बंदर की तरह कूदते हुए देखना चाहता था...', शोएब अख्तर ने बाउंसर मारने के पीछे की बताई वजह
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पाकिस्तानी गेंदबाज शोएब अख्तर ने 46 टेस्ट, 163 वनडे और 15 टी20 इंटरनेशनल मैचों में भाग लिया था. अख्तर के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है.
शोएब अख्तर एक ऐसा नाम है जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. शोएब अख्तर का शुमार दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में किया जाता था. शोएब अख्तर को बाउंसर बॉल से गहरा लगाव था और वह अपनी गति से बल्लेबाजों को मात देने का प्रयास करते थे. 2003 के विश्व कप में अख्तर ने निक नाइट को 161.3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक गेंद फेंकी थी, जो क्रिकेट इतिहास में अब तक की सबसे तेज गेंद है.
अब शोएब अख्तर ने बल्लेबाजों को लगातार बाउंसर गेंद फेंकने के पीछा का राज बताया है. एक खेल वेबसाइट पर मोहम्मद कैफ के साथ बातचीत में अख्तर ने कहा, 'मैंने बाउंसर फेंके क्योंकि बल्लेबाजों को बंदरों की तरह कूदते हुए देखना अच्छा लगता था. झूठ नहीं बोलता, मैं बल्लेबाजों को सिर पर मारना चाहता था क्योंकि मेरे पास गति थी. यह एक तेज गेंदबाज होने का लाभ है, यह बस होना था.'
आगे बाउंसरों के प्रति अपने जुनून के बारे में बताते हुए अख्तर ने कहा कि उन्होंने बल्लेबाजों को आतंकित करने के लिए उनका इस्तेमाल किया क्योंकि उनका मानना था कि बल्लेबाज मिरर में चेहरा देखते समय उन्हें जरूर याद रखेगा. अख्तर ने कहा, 'आप निश्चित रूप से फुलर गेंदबाजी नहीं करेंगे. बॉल शरीर पर मारा जाना चाहिए, ताकि शरीर पर सूजन दिखे. जब भी बल्लेबाज खुद को आईने में देखे तो वह मुझे याद करे.'
कैफ ने कही ये बात -
मोहम्मद कैफ ने पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज के लंबे गेंदबाजी रन-अप के बारे में एक मजेदार कहानी का भी खुलासा किया, जब साल 1999 में कैफ कोच्चि में एक अभ्यास मैच में उनका सामना करने जा रहे था. कैफ ने कहा, मैं सोच रहा था कि मैं चाय पी के आ सकता जब तक वह गेंदबाजी क्रीज पर पहुंचेंगे.'
शोएब का इंटरनेशनल रिकॉर्ड