
MBA कर कनाडा में ट्रक चला रही इंडियन महिला... कमा लेती हैं करीब 7 लाख रुपये मंथली
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कनाडा में ट्रक चलाना काफी चुनौतीपूर्ण पेशा माना जाता है, लेकिन हाल के दिनों में इस क्षेत्र में कई भारतीय महिलाएं प्रवेश करने लगी हैं. ऐसी ही एक महिला हैं निकिता बंसल.
आज जब युवा किसी बड़े कॉरपोरेट ऑफिस में अच्छी खासी सैलरी वाली आरामदायक नौकरी की चाह रखते हैं, वहीं एक ऐसी भी महिला है जो इसके विपरीत धूप, गर्मी, बरसात, ठंडी की परवाह किए बगैर सड़कों पर हवा से बात करते हुए ट्रक चलाने के पेशे को अपना करियर चुना है. इसके पीछे उन्होंने जो वजह बताई वो काफी दिलचस्प है.
कनाडा में ट्रक चलाना काफी चुनौतीपूर्ण पेशा माना जाता है, लेकिन हाल के दिनों में इस क्षेत्र में कई भारतीय महिलाएं प्रवेश करने लगी हैं. ऐसी ही एक महिला हैं निकिता बंसल. वह पंजाब के बठिंडा की रहने वाली हैं और पेशे से एक प्रोफेशनल ट्रक ड्राइवर हैं. उनका कहना है कि ट्रक चलाना मुश्किल है, लेकिन थोड़ी मेहनत करने पर ये काम भी आसान लगने लगता है.
'ट्रक चलाना बुरा काम नहीं है' एक यूट्यूब चैनल पर निकिता ने बताया कि अगर किसी लड़की या महिला को ट्रक चलाने में रुचि है तो उसे जरूर कोशिश करनी चाहिए और ट्रक चलाना चाहिए. ये कोई बुरा प्रोफेशन नहीं है. अब तो लड़कियां प्लेन उड़ा रही हैं, ये तो छोटी बात है.
MBA के बावजूद ट्रक ड्राइविंग में अटका रहा मन इंडिया में निकिता ने एचआर से एमबीए किया हुआ है. कंप्यूटर साइंस में भी डिप्लोमा हैं. शुरुआत में छोटी-मोटी नौकरी भी की. कनाडा आकर भी कई सारे काम किए. बिजनेस भी किया, लेकिन मन ट्रक चलाने के सपने में अटका रहा. निकिता ने बताया कि मेरा शुरू से शौक था कि मैं ट्रक चलाऊं. इसमें सबने मेरा साथ दिया. लोग कहते हैं कि लड़के और लड़कियां बराबर होती हैं. लेकिन मैं मानती हूं कि हर क्षेत्र में ऐसा नहीं है.
बचपन से ट्रक ड्राइवर बनने का था सपना निकिता ने बताया कि बचपन से ट्रक चलाने का शौक था, लेकिन भारत में इस शौक को तव्वजो कभी नहीं दिया. जब कनाडा गई तो वहां कुछ लोगों ने कहा कि ट्रक चलाना तुम्हारा शौक है, तो क्यों नहीं तुम इसे ही अपना पेशा बना लेती हो. पहले तो मैंने इधर-उधर कुछ छोटे-मोटे काम किए. बिजनेस भी किया. फिर मुझे लगा कि वाकई में मुझे ट्रकिंग में हाथ आजमाना चाहिए. क्योंकि यहां शौक पूरे होने के साथ-साथ पैसे भी मिल रहे हैं. इसलिए मैंने मन बना लिया कि मुझे ट्रक ही चलाना है और इसके साथ पूरा अमेरिका घूमना है.
पिछले एक साल से चला रही हैं ट्रक निकिता ने बताया कि ट्रक चलाते हुए मुझे एक साल ही हुआ है. वैसे मैंने लाइसेंस दो साल पहले ही बनवा लिया था. पहले मैं छोटे-छोटे काम ही करती थी. एक साल पहले मैं पूरी तरह से ट्रकिंग में आ गई. लोगों को लगता है कि दूसरे जॉब करके भी जल्दी पैसा कमाया जा सकता है.मैंने भी पहले ऐसे कई काम किए. काफी मेहनत की है. 20-20 घंटे लगातार काम किए हैं. इससे पैसे तो आते हैं, लेकिन हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए मैंने ट्रक चलाने का फैसला किया. इसमें पैसे के साथ-साथ स्थायीपन मिलाहै. ये काम मेरे इंटरेस्ट का था. इसकी एक फिक्स्ड टाइमिंग है और थोड़ी फिजिकल मेहनत है.

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