
IND vs SA Cape Town Test: अपने ही जाल में फंस गया अफ्रीका, भारतीय गेंदबाजों ने डेढ़ दिन में ही कर दिया हिसाब बराबर
AajTak
टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट मैच में सात विकेट से धमाकेदार जीत हासिल की. भारतीय टीम ने इसके साथ ही सेंचुरियन में मिली हार का सूद समेत बदला ले लिया. भारत ने 1.5 दिनों में ही अफ्रीका के होश ठिकाने लगा दिए.
टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट मैच में 7 विकेट से जबरदस्त जीत हासिल की. मुकाबले के दूसरे दिन (4 जनवरी) भारत को जीत के लिए 79 रनों का टारगेट मिला, जिसे उसने आसानी से हासिल कर लिया. केपटाउन के न्यूलैंड्स मैदान पर पहली बार किसी एशियाई देश को टेस्ट क्रिकेट में जीत नसीब हुई. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने दो मैचों की टेस्ट सीरीज को 1-1 से बराबर कर लिया.
केपटाउन टेस्ट में यह मिली जीत भारतीय टीम के लिए काफी खास है. जैसे भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में 36 रनों पर पैक होने के बाद शानदार वापसी करते सीरीज जीतने में सफल रही थी. ठीक वैसे ही अब सेंचुरियन में हार के बाद भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ पलटवार करने में सफल रही.
1⃣-1⃣ A well-fought Test Series between the two teams comes to an end 👏👏#TeamIndia | #SAvIND pic.twitter.com/pTsYsYoKGt
गौरतलब है कि सेंचुरियन टेस्ट मैच में भारत को पारी और 32 रनों से हार झेलनी पड़ी थी. उस मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने तो सरेंडर किया ही था, गेंदबाजों का भी प्रदर्शन भी औसत दर्जे का रहा था. अब भारतीय टीम ने उस हार का सूद समेत बदला ले लिया. भारत ने 1.5 दिनों में ही अफ्रीका के होश ठिकाने लगा दिए.
खुद के बिछाए जाल में फंसी अफ्रीकी टीम
देखा जाए तो साउथ अफ्रीकी टीम अपने ही बिछाए जाल में फंस गई. साउथ अफ्रीका ने सेंचुरियन की तुलना में केपटाउन में भी ज्यादा पेस एवं बाउंस वाली पिच तैयार की, ताकि भारतीय बल्लेबाजों को एक बार फिर से फंसाया जा सके. अफ्रीकी फैन्स को भी उम्मीद थी कि सेंचुरियन में भी उनकी टीम कमाल करेगी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया.

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच अब शनिवार (6 दिसंबर) को वाइजैग (विशाखापत्तनम) में है. रांची में भारत जीता और रायपुर में अफ्रीकी टीम ने जीत दर्ज की. वाइजैग के साथ भारत के लिए एडवांटेज यह है कि यहां टीम का रिकॉर्ड शानदार है. यहां कोहली-रोहित चलते हैं, साथ ही 'ब्रांड धोनी' को पहली बड़ी पहचान यहीं मिली थी.












