
IND Vs ENG 4th Test: इंग्लैंड को सताया सीरीज हारने का डर, बेन स्टोक्स रांची टेस्ट में चलेंगे ये चाल? हेड कोच ब्रैंडन मैक्कुलम ने कहा ऐसा करना जल्दबाजी
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भारत के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैच में शिकस्त ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को गेंदबाजी में जल्द वापसी पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. स्टोक्स ने पिछले साल जून में दूसरे एशेज टेस्ट के बाद से गेंदबाजी नहीं की है. वह अब भी घुटने की सर्जरी से उबर रहे हैं.
England captain Ben Stokes bowling : टीम इंडिया के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैच में शिकस्त ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को अपनी रणनीति बदलने को बाध्य कर दिया है. वह अब गेंदबाजी में जल्द वापसी पर विचार करने के लिए मजबूर हो गए हैं. दूसरी तरफ, हेड कोच ब्रेंडन मैक्कुलम ने माना है कि यह एक अच्छा संकेत है, लेकिन वे नहीं चाहते कि यह ऑलराउंडर जल्दबाजी करे.
दरअसल, अब भी घुटने की सर्जरी से उबर रहे स्टोक्स ने पिछले साल जून में दूसरे एशेज टेस्ट के बाद से गेंदबाजी नहीं की है. मैक्कुलम के हवाले से सोमवार को ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ ने कहा, ‘यह अच्छा है कि वह उस स्थिति में पहुंच रहे हैं जहां उन्हें लगता है कि वह गेंदबाजी कर सकते हैं.’
'बेन काफी चतुर हैं...'
मैक्कुलम ने कहा, ‘बेन काफी चतुर हैं. वह तब तक गेंदबाजी नहीं करेंगे, जब तक उन्हें नहीं लगता कि वह वास्तव में गेंदबाजी करने में सक्षम हैं. समस्या तब होगी जब वह गेंदबाजी स्पेल शुरू करेंगे और फिर उसे खत्म नहीं कर पाएंगे. इसलिए हम देखेंगे कि क्या होता है.’ मैक्कुलम ने कहा, ‘हमें देखना होगा कि खतरा कहां है और उसे इससे दूर करने की कोशिश करनी होगी. लेकिन यह एक अच्छा संकेत है.’
फिजियोथेरेपिस्ट से किया था वादा
राजकोट टेस्ट से पहले स्टोक्स ने कहा था कि उन्होंने अपने फिजियोथेरेपिस्ट से वादा किया था कि वह मौजूदा सीरीज में गेंदबाजी नहीं करेंगे. लेकिन रविवार को तीसरे टेस्ट में 434 रनों की हार के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी ऑलराउंडर की भूमिका दोबारा निभाएंगे तो स्टोक्स ने कहा, ‘मैं हां नहीं कह रहा हूं, मैं ना भी नहीं कह रहा हूं.’

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच अब शनिवार (6 दिसंबर) को वाइजैग (विशाखापत्तनम) में है. रांची में भारत जीता और रायपुर में अफ्रीकी टीम ने जीत दर्ज की. वाइजैग के साथ भारत के लिए एडवांटेज यह है कि यहां टीम का रिकॉर्ड शानदार है. यहां कोहली-रोहित चलते हैं, साथ ही 'ब्रांड धोनी' को पहली बड़ी पहचान यहीं मिली थी.












