
IND vs BAN, Kanpur Test: जब जसु पटेल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कानपुर टेस्ट में मचाई थी तबाही, 40 साल तक कायम रहा रिकॉर्ड
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कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में भारतीय टीम और बांग्लादेश के बीच सीरीज का दूसरा और सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच 27 सितंबर से खेला जाएगा. पहला मुकाबला 280 रनों से जीतकर भारतीय टीम ने 2 मैचों की घरेलू टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है. जब भी कानपुर स्टेडियम की बात हो और भारतीय ऑफ स्पिनर जसु पटेल का जिक्र ना हो, ऐसा नहीं हो सकता.
India vs Bangladesh, Kanpur Test: भारतीय टीम इस समय अपने घर में बांग्लादेश के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज खेल रही है, जिसके पहले मैच में 280 रनों से जीत दर्ज की. अब भारत-बांग्लादेश के बीच दूसरा और सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच 27 सितंबर से कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जाएगा.
इस स्टेडियम का इतिहास काफी धांसू रहा है. यहां हमेशा से ही स्पिनर्स का बोलबाला रहा है. जब भी कानपुर स्टेडियम की बात हो और भारतीय ऑफ स्पिनर जसु पटेल का जिक्र ना हो, ऐसा नहीं हो सकता. जसु पटेल ही वो गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपने दम पर ऑस्ट्रेलिया को पहली टेस्ट जीत दिलाई थी.
जसु पटेल ने दिलाई थी भारत को ऐतिहासिक जीत
इतिहास पलटकर देखें तो भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली टेस्ट जीत हासिल करने में 12 साल (1947-1959) लग गए थे. इस दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती 9 टेस्ट मैचों में से 7 मुकाबले गंवाए थे, लेकिन 10वें टेस्ट में जाकर भारत ने जीत का स्वाद चख ही लिया.
भारतीय टीम को वह ऐतिहासिक जीत जीएस रामचंद्र की कप्तानी में कानपुर टेस्ट मैच (19-24 दिसंबर 1959) में मिली थी. उस मुकाबले में जसु पटेल ने अपना जलवा दिखाया था. मुकाबले के पहले दिन (20 दिसंबर) जसु ने ग्रीन पार्क की टर्निंग पिच पक एक-एक कर 9 शिकार किए थे.
इसके चलते रिची बेनो की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम 219 रनों पर सिमट गई. जसु ने जिन 9 बल्लेबाजों को आउट किया था उसमें 5 तो बोल्ड आउट हुए थे. वहीं 2 खिलाड़ी LBW आउट हुए थे. जबकि एक का तो कैच खुद जसु पटेल ने ही लिया था.

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच अब शनिवार (6 दिसंबर) को वाइजैग (विशाखापत्तनम) में है. रांची में भारत जीता और रायपुर में अफ्रीकी टीम ने जीत दर्ज की. वाइजैग के साथ भारत के लिए एडवांटेज यह है कि यहां टीम का रिकॉर्ड शानदार है. यहां कोहली-रोहित चलते हैं, साथ ही 'ब्रांड धोनी' को पहली बड़ी पहचान यहीं मिली थी.












