
65 रुपये लीटर का फ्यूल! 100% एथेनॉल वाली कार में नितिन गडकरी, बोले यही है फ्यूचर
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Nitin Gadkari flex fuel: केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी पूरी तरह एथेनॉल से चलने वाले फ्लेक्स–फ्यूल कार में सफर करते नज़र आए. ये कार रेगुलर पेट्रोल से नहीं बल्कि 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल से चल रही थी.
दिल्ली की सर्द सुबह में जब यूनियन मिनिस्टर नितिन गड़करी एक खास कार में बैठकर निकले, तो हर किसी की निगाह उनकी गाड़ी पर आ टिकी. यह कोई आम कार से की जाने वाली डेली राइड नहीं थी बल्कि भारत के 'फ्यूल फ्यूचर' की एक झलक थी. गड़करी जिस कार में सवार थे, वह रेगुलर पेट्रोल से नहीं बल्कि 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल से चल रही थी.
बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी पूरी तरह एथेनॉल से चलने वाले फ्लेक्स–फ्यूल कार में सफर करते नज़र आए. गडकरी जिस कार में सफर कर रहे थें वो टोयोटा इनोवा है. उनका कहना था कि ऐसे वाहन भारत को प्रदूषण से राहत देंगे, किसानों की आय बढ़ाएँगे और इंपोर्टेड फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करेंगे. उन्होंने स्पष्ट कहा कि एथेनॉल–पावर्ड वाहनों की बढ़ती संख्या से पेट्रोल जैसे फॉसिल फ्यूल का आयात धीरे–धीरे खत्म किया जा सकता है.
दिल्ली में सफर के दौरान गड़करी ने बताया कि उनका फ्लेक्स–फ्यूल वाहन पूरी तरह से एथेनॉल पर चलता है और यह पेट्रोल से कहीं अधिक किफायती है. उन्होंने कहा, “एथेनॉल की कीमत 65 रुपये प्रति लीटर है, जबकि पेट्रोल 120 रुपये प्रति लीटर है.” गड़करी ने आगे बताया कि कार चलते समय 60 प्रतिशत तक बिजली भी उत्पन्न करती है. इस प्रकार वास्तविक लागत लगभग 25 रुपये प्रति लीटर पड़ती है. उन्होंने कहा, “जब ईंधन इतना सस्ता होगा, तभी लोग बड़ी संख्या में एथेनॉल अपनाएँगे.”
गड़करी ने बताया कि एथेनॉल सीधे किसानों के लिए लाभकारी है क्योंकि यह कृषि–उत्पादों और उनके बाई–प्रोडक्ट से तैयार होता है. उन्होंने कहा, “किसान चावल, मक्का, गन्ने का रस, पराली और अन्य चीजों से एथेनॉल बनाते हैं. इससे प्रदूषण नहीं होता. यह ग्रीन फ्यूल है और इससे हमारे किसानों को बड़ा फायदा होगा.” उन्होंने यह भी कहा कि एथेनॉल के व्यापक इस्तेमाल से देश में प्रदूषण घटेगा, आयात पर निर्भरता कम होगी और रोजगार बढ़ेगा.
भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में हुंडई मोटर इंडिया Creta Flex Fuel का प्रोटोटाइप शोकेस किया था. कंपनी ने बताया कि एथेनॉल से चलने वाले वाहन कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी लाते हैं और पावर व टॉर्क दोनों को बेहतर बनाते हैं. सरकारी प्रोत्साहनों के चलते इन वाहनों की ओनरशिप लागत भी कम हो सकती है.
गड़करी ने जानकारी दी कि फिलहाल देश में लगभग 550 एथेनॉल प्लांट सक्रिय हैं. पूरे देश में पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग पहले ही लागू हो चुकी है. उन्होंने यह भी बताया कि कई बड़ी टू–व्हीलर कंपनियाँ 100 प्रतिशत एथेनॉल–कम्पैटिबल मॉडल बाजार में ला चुकी हैं.

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