सब्र का मीठा फल: 12 साल का इंतजार फिर धुआंधार, सूर्यकुमार यादव कैसे बन गए नंबर-1 टी-20 बल्लेबाज
AajTak
सूर्यकुमार यादव इस वक्त दुनिया में नंबर-1 टी-20 बल्लेबाज हैं. उनके आसपास कोई नहीं टिकता है, सूर्या जिस तरह के शॉट खेलते हैं वह भी बिल्कुल अलग हैं. करीब एक दशक तक टीम इंडिया में एंट्री के लिए इंतज़ार करने वाले सूर्यकुमार यादव कैसे इतने कम वक्त में सबसे बड़े सितारे बन गए, जानिए पूरी कहानी...
सब्र का फल मीठा होता है, बचपन से ही यह बात हम सुनते आ रहे हैं. लेकिन कितना सब्र और कितना इंतज़ार करें या करना पड़ सकता है, इसका कोई पैमाना नहीं है. मौजूदा वक्त में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने साल 2011 में एक ट्वीट किया था, तब उन्होंने कहा था कि बीसीसीआई के अवॉर्ड्स में सूर्यकुमार यादव नाम का एक युवा है, उसपर नज़र रखिए ये धमाल करेगा. तब सूर्या घरेलू क्रिकेट के एक स्टार थे, अब 12 साल के बाद वही सूर्यकुमार यादव दुनिया के नंबर-1 टी-20 बल्लेबाज हैं. यहां तक कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाज भी कहा जा रहा है, सब्र का फल सूर्यकुमार यादव के लिए काफी मीठा निकला और यह एक सपने की तरह है जिसे वह इस वक्त जी रहे हैं और क्रिकेट फैन्स इसका लुत्फ उठा रहे हैं.
इंजीनियर का बेटा बन गया स्टार क्रिकेटर उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले सूर्यकुमार यादव के परिवार में कोई क्रिकेटर बनेगा, शायद किसी ने नहीं सोचा था. सूर्यकुमार के पिता अशोक यादव BARC में इंजीनियर थे, माता हाउस वाइफ थीं. बचपन में सूर्या बैडमिंटन और क्रिकेट दोनों ही खेला करते थे, लेकिन फिर उन्होंने क्रिकेट चुन लिया. स्कूल क्रिकेट से शुरुआत हुई और उसके बाद चाचा की मदद से क्रिकेट की प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी मिलने लगी. कॉलेज लाइफ तक तय हो चुका था कि सूर्यकुमार यादव का करियर अब क्रिकेट में ही बनेगा और वह प्रोफेशनल खेलना शुरू कर चुके थे.
क्लिक करें: 'बचपन में मुझे बैटिंग करते नहीं देखा…', कोच राहुल द्रविड़ ने लिया शतकवीर सूर्या का मज़ेदार इंटरव्यू
घरेलू क्रिकेट में धमाल, लेकिन एक लंबा इंतज़ार सूर्यकुमार यादव ने साल 2010 में ही घरेलू क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था, लिस्ट-ए में गुजरात के खिलाफ वह मुंबई की ओर से डेब्यू करने उतरे. उसमें 41 रन बनाए, जबकि पहले रणजी डेब्यू मैच में 73 रन बनाए. यह एक शुरुआत थी, इसके बाद सूर्यकुमार यादव ने घरेलू क्रिकेट में एक लंबा सफर तय किया. सूर्या ने लिस्ट-ए के 118 मैच में करीब 35 की औसत से 3238 रन, जबकि 79 फर्स्ट क्लास मैच में करीब 45 की औसत से 5549 रन बनाए. दोनों में मिलाकर सूर्यकुमार यादव के नाम कुल 17 शतक दर्ज हैं.
हालांकि, घरेलू क्रिकेट में रन बनाकर भी उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे नहीं खुले. लेकिन वह घरेलू सर्कल में एक बड़ा नाम हो चुके थे. इसी दौर में सूर्यकुमार यादव को आईपीएल में एंट्री मिली, उन्होंने अपनी लोकल टीम यानी मुंबई इंडियंस से ही डेब्यू किया. 2012 में सूर्या का आईपीएल डेब्यू हुआ, 2013 में वह एक भी मैच नहीं खेल पाए. इसके बाद कोलकाता नाइट राइडर्स ने 2014 में उन्हें खरीद लिया और यहां से सूर्या का जलवा देखना शुरू हुआ. गौतम गंभीर की अगुवाई में केकेआर ने सूर्यकुमार यादव को मौका दिया, जिसके बाद वह एक बिग हिटर के तौर पर उबरे. करीब चार साल वह इस टीम के साथ रहे और फिर 2018 में एक बार फिर मुंबई इंडियंस ने उन्हें खरीद लिया और उसके बाद से तो मानो सूर्यकुमार यादव की किस्मत बदल गई. 2018 के बाद से हर सीजन में सूर्या ने अपनी टीम के लिए दमदार प्रदर्शन किया, इनमें 1 सीजन में 500+, 2 सीजन में 400+ और 2 सीजन में 300+ स्कोर उन्होंने किया है.
क्लिक करें: तीन देश 3 शतक... सूर्या को रोकना नामुमकिन! शतकीय पारी से बना डाले कई रिकॉर्ड