
भारत में क्या खाते हैं पुतिन? कश्मीर से मुगलई तक ऐसे फूड्स से हुआ है स्वागत, देसी दावत में परोसी जाती हैं ये डिश
AajTak
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4–5 दिसंबर को इंडिया–रूस समिट के लिए भारत आ रहे हैं. हर बार की तरह इस बार भी उनके लिए सुपर-सिक्योर और स्पेशल मेन्यू तैयार किया जा रहा है. जानें 2014 और 2018 में भारत ने पुतिन को क्या परोसा था और यहां उनकी डाइट कैसी होती है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4–5 दिसंबर को होने वाले 23वें इंडिया–रूस समिट के लिए भारत आ रहे हैं. ये उनकी चार साल बाद पहली भारत यात्रा है, इसलिए इस दौरे को लेकर दोनों देशों में तैयारियां तेजी से चल रही हैं. इस तरह की हाई–प्रोफाइल मुलाकातों में सुरक्षा, कूटनीति और बातचीत के मुद्दे जितने महत्वपूर्ण होते हैं, उतनी ही दिलचस्पी लोगों को एक और बात में रहती है, वो है कि पुतिन भारत में क्या खाते हैं?
हर बार उनकी पसंद, उनकी स्ट्रिक्ट डाइट और सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए एक खास और बेहद सुरक्षित मेन्यू तैयार किया जाता है. ये काम भारत की स्पेशल कुकिंग और प्रोटोकॉल टीम करती है. पुतिन का खाना अलग से बनाया जाता है और हर डिश को कई बार चेक किया जाता है.
इस बार भी पुतिन पीएम मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में एक निजी डिनर करेंगे. इस डिनर में भारतीय फ्लेवर, रूसी स्वाद और पुतिन की हेल्थ रूटीन इन तीनों का ध्यान रखकर मेन्यू बनाया जाएगा. इस दौरे से पहले ये जानना दिलचस्प हो जाता है कि उनके पिछले दौरों में उनके लिए कैसी दावत तैयार की गई थी और भारत में उन्हें किस तरह के व्यंजन परोसे गए थे. चलिए जानते हैं.
2014 का भारत दौरा: कश्मीर के जायकों से हुआ स्वागत साल 2014 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पुतिन के लिए जो डिनर रखा था, उसमें कश्मीर की झलक साफ दिखाई दी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक डिनर की शुरुआत कहवा से हुई थी, जो केसर से बनी कश्मीर की खास ड्रिंक है. इसके साथ उन्हें हाक का साग भी परोसा गया था, जो पालक जैसा एक हरा पत्ता होता है और अपने ही रस में पकाया जाता है. इस दौरे के दौरान नॉन-वेज मेन्यू भी बहुत खास था. पुतिन को गलौटी कबाब परोसे गए थे, जो बेहद सॉफ्ट और हल्के मसालों वाले होते हैं. इसके अलावा मुरग धनियावाल कोरमा, यानी धनिया की ग्रेवी में बना चिकन भी मेन्यू में था. खाने में बादाम शोरबा, मशरूम, पनीर और सब्जियां भी शामिल थीं, जिन्हें कलौंजी के साथ पकाया गया था. डेजर्ट में गुलाब खीर, चीजकेक और ताजे फल परोसे गए थे.
2018 का भारत दौरा: हैदराबाद हाउस में शानदार मुगलई दावत पुतिन के 2018 के भारत दौरे में हैदराबाद हाउस में एक भव्य डिनर रखा गया था. इस बार भी शेफ ने कई तरह की वेज और नॉन-वेज डिशेज तैयार की थीं और पुतिन की सिक्योरिटी, टेस्टिंग और पसंद को ध्यान में रखा गया था. मेन्यू में सैल्मन फिलेट परोसा गया था, जिस पर हल्की पार्सले और चीज़ सॉस डाली गई थी. इसके अलावा प्याज, केसर और मसालों में रोस्टेड लैम्ब, क्रीमी सॉस में बना चिकन और ट्रेडिशनल मुगलई अंदाज में पकाया गया लैम्ब भी शामिल था. इस दौरे की शाकाहारी डिशेज भी कम खास नहीं थीं. इनमें वॉटरमेलन क्रीम सूप, कुरकुरी पेस्ट्री जिसमें स्प्राउट्स और मीठा इमली दही था, कमल-ककड़ी और दालों से बने कबाब, जिन्हें मैंगो सॉस के साथ परोसा गया था. इसके अलावा घर का बना हुआ चीज और मटर मखनी ग्रेवी में, काले चने के साथ बनी बासमती चावल की डिश और मौसमी सब्जियां और एस्परैगस भी मेन्यू का हिस्सा थे. टाइट सुरक्षा और खास फूड-टेस्टिंग प्रॉसेस की वजह से ये साफ नहीं है कि पुतिन ने इनमें से कौन सी डिश सही में खाई थीं.
क्या खाना पसंद करते हैं पुतिन? जहां भारत में पुतिन के लिए दावतें भव्य होती हैं, वहीं उनकी रोजमर्रा की डाइट बहुत नॉर्मल है. पुतिन अपनी सुबह की शुरुआत अक्सर दलिये, कॉटेज चीज से करते हैं, जिसे वह शहद के साथ खाते हैं. वह अंडे भी लेते हैं और ताजा जूस पीते हैं. प्रोटीन के लिए उन्हें मछली खाना पसंद है, खासकर स्मोक्ड स्टर्जन जिसे वे नींबू और बटर के साथ खाते हैं. उन्हें बचपन से ही लैम्ब पसंद है. वह मीठा बहुत कम खाते हैं और आमतौर पर टमाटर, खीरा और सलाद पर टिके रहते हैं. वे केफिर नाम का फर्मेंटेड डेयरी ड्रिंक भी पीते हैं. कभी-कभार वह पिस्ता आइसक्रीम भी खा लेते हैं.

क्या आपने कभी गौर किया है कि दुनिया का कोई भी बड़ा नेता-चाहे वह अमेरिकी राष्ट्रपति हो या फ्रांस का प्रमुख भारत पहुंचते ही सबसे पहले हैदराबाद हाउस ही क्यों जाता है? इसकी वजह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा शाही अतीत है जिसमें निजाम की रईसी, ब्रिटिश दौर की राजनीतिक जटिलताएं और आजादी के बाद भारत की उभरती कूटनीतिक पहचान तीनों के निशान गहराई से दर्ज हैं.

Paush Month 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह 2025 में 5 दिसंबर से शुरू होकर 3 जनवरी 2026 की पूर्णिमा तक चलेगा. यह महीना धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. परंपरा है कि इस समय नियमों और धार्मिक कर्तव्यों का पालन करने से जीवन में सौभाग्य, शांति और समृद्धि आती है.











