
भारतीय जनता पार्टी में युवा नेतृत्व का उभार बनाम कांग्रेस का 'बुजुर्गवाद'
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भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में संगठन और सरकार दोनों ही लेवल पर धड़ाधड़ युवाओं की नियुक्ति कर रही है. जैसे लगता है कि पार्टी 20 साल आगे की सोच रही है. ठीक दूसरी तरफ कांग्रेस में आज भी युवा नेताओं को उनका हक तक नहीं मिल रहा है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिसंबर 2025 में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिहार के मंत्री और पांच बार के विधायक नितिन नबीन (उम्र 45 वर्ष) को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह नियुक्ति न केवल पार्टी के इतिहास में सबसे युवा शीर्ष पदाधिकारी की है, बल्कि यह स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि बीजेपी अब पूर्ण रूप से युवा नेतृत्व की ओर शिफ्ट हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति के तहत यह फैसला लिया गया, जो 'विकसित भारत 2047' विजन से जुड़ा है. इस विजन में युवा ऊर्जा, नए विचार और लंबी राजनीतिक पारी खेलने की क्षमता को प्राथमिकता दी जा रही है.
दूसरी ओर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) में शीर्ष नेतृत्व अभी भी वरिष्ठ और बुजुर्ग चेहरों के हाथ में है, जहां अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 83 वर्ष के हैं और युवा नेताओं को प्रमुख जिम्मेदारियां देने में देरी हो रही है. दोनों ही पार्टियों की तुलना कीजिए तो साफ लगता है कि बीजेपी जहां सक्रिय रूप से युवा संगठन बन रही है, वहीं कांग्रेस में परिवारवाद और वरिष्ठता की दीवार युवा नेताओं को रोक रही है.
बीजेपी के युवा लीडरशिप को नेतृत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और रणनीति
बीजेपी की युवा शिफ्ट 2014 के लोकसभा चुनावों से शुरू हुई, जब नरेंद्र मोदी ने युवा वोटरों को आकर्षित करने के लिए डिजिटल कैंपेन और विकास के वादे किए. लेकिन असली बदलाव 2023-2025 में आया, जब पार्टी ने राज्यों में युवा चेहरों को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी और संगठन में नई पीढ़ी को प्रमोट किया. नितिन नबीन की नियुक्ति इस ट्रेंड का चरम है. मोदी ने उन्हें युवा और मेहनती नेता बताकर बधाई दी, जबकि अमित शाह ने उनकी क्षमता की सराहना की. भारत की आबादी में 60% से अधिक युवा (35 वर्ष से कम) हैं, इसलिए पार्टी युवा वोट बैंक को टारगेट कर रही है. पार्टी BJYM (भारतीय जनता युवा मोर्चा) के माध्यम से युवाओं को ट्रेन करती है और उन्हें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करती है. यह शिफ्ट चुनावी सफलता में दिखाई दे रही है. 2024 लोकसभा में बीजेपी ने युवा मुद्दों (रोजगार, डिजिटल इंडिया) पर फोकस किया और जीत हासिल की.
2025 में राज्य स्तर पर भी कई नियुक्तियां हुईं, जिसमें दिलीप सैकिया (असम, उम्र 52 वर्ष), जनवरी 2025 में असम BJP अध्यक्ष बने. लोकसभा सांसद और RSS बैकग्राउंड वाले सैकिया ने 2026 असम विधानसभा चुनावों की तैयारी में नई ऊर्जा लाई है.
कालिंग मोयोंग (अरुणाचल प्रदेश, उम्र 56 वर्ष) को भी इसी साल नया अध्यक्ष बनाया गया. जो स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर पार्टी को मजबूत कर रहे हैं.

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