
पहले दिन 61 हजार PUCC जारी, 3700 वाहनों के चालान... दिल्ली में पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर सख्ती का दिखा असर
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पहले दिन करीब 5,000 वाहनों की जांच की गई. वैध पीयूसीसी न होने पर 3,746 वाहनों का चालान काटा गया, जबकि नियमों का पालन न करने वाले कई वाहनों को सीमा से ही लौटा दिया गया. पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने दिल्ली-गुरुग्राम सीमा और जनपथ स्थित पेट्रोल पंपों का दौरा कर अभियान की जमीनी हकीकत का जायजा लिया.
देश की राष्ट्रीय राजधानी में जानलेवा होते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किए गए 'नो पीयूसी, नो फ्यूल' अभियान का पहले ही दिन व्यापक असर देखने को मिला. अभियान के पहले 24 घंटों के भीतर राजधानी में 3,700 से अधिक वाहनों का चालान किया गया, जबकि 568 गैर-अनुपालक और गैर-गंतव्य वाहनों को दिल्ली की सीमाओं से वापस लौटा दिया गया.
इसके अलावा 217 गैर-गंतव्य ट्रकों को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की ओर डायवर्ट किया गया, ताकि अनावश्यक रूप से दिल्ली में वाहनों की एंट्री रोकी जा सके. वहीं पेट्रोल पंपों पर बिना सर्टिफिकेट तेल न मिलने के कारण पीयूसी केंद्रों पर लंबी कतारें नजर आईं.
पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को बताया कि यह आंकड़े न केवल सख्त प्रवर्तन को दर्शाते हैं, बल्कि जनता के बढ़ते सहयोग का भी संकेत हैं. उन्होंने कहा कि अभियान के साथ-साथ पीयूसीसी (Pollution Under Control Certificate) बनवाने की मांग में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. 17 और 18 दिसंबर के बीच सिर्फ 24 घंटों में 61,000 से अधिक पीयूसी प्रमाण पत्र जारी किए गए, जो यह दिखाता है कि लोग नियमों को लेकर जागरूक हो रहे हैं.
सीमाओं और पेट्रोल पंपों पर कड़ा प्रवर्तन
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने राजधानी के प्रमुख बॉर्डर पॉइंट्स, टोल प्लाजा और पेट्रोल पंपों पर सघन जांच अभियान चलाया. पहले दिन करीब 5,000 वाहनों की जांच की गई. वैध पीयूसीसी न होने पर 3,746 वाहनों का चालान काटा गया, जबकि नियमों का पालन न करने वाले कई वाहनों को सीमा से ही लौटा दिया गया.
पेट्रोल पंपों पर भी सख्ती देखने को मिली. बिना वैध पीयूसीसी वाले वाहनों को ईंधन देने से इनकार किया गया, जिससे कई जगह कतारें लग गईं. पेट्रोल पंप संचालकों ने बताया कि ग्राहकों की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन सरकार के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है. दस्तावेजों की जांच के लिए कई स्थानों पर मैन्युअल चेकिंग की गई, जबकि बॉर्डर पॉइंट्स पर स्मार्ट प्लेट रीडर डिवाइस और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का इस्तेमाल किया गया.

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