
UP के CM योगी के मिशन पर पलीता लगाने में जुटे पुलिस महकमे की करतूतें, देखें दस्तक
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के मिशन पर पलीता लगाने में जुटे पुलिस महकमे की करतूतें, यूपी के DGP राजीव कृष्ण, ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश और पुलिस महकमे के डीजी ट्रेनिंग राजीव सभरवाल को उत्तर प्रदेश के 3 शहरों से आई आंखें खोलने वाली सच्चाई जरूर देखना चाहिए. यकीन मानिए यूपी पुलिस की कार्यशैली और मुस्तैदी को लेकर सारे भ्रम टूट जाएंगे. जिले के कप्तान हो, थाने में तैनात दारोगा हो,कांस्टेबल हो या उपद्रवियों से निपटने का तरीका हो, गाजियाबाद,आजमगढ़ और मिर्जापुर से आई तस्वीरें पुलिस महकमें की साख पर सवाल उठा रही है. आजतक के तीन संवाददाता राजीव श्रीवास्तव, मयंक गौड़ और सुरेश सिंह की रिपोर्ट देखिए.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्त कर दिया है. हिजाब विवाद के बाद मिली खुफिया जानकारी में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मुख्यमंत्री को नुकसान पहुंचाने की आशंका जताई गई है. सुरक्षा समीक्षा के बाद स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप (SSG) के घेरे को मजबूत किया गया है और सोशल मीडिया समेत सभी स्तरों पर निगरानी बढ़ाई गई है.

जम्मू के मिनी टाउनशिप में दुकान नहीं मिलने से नाराज एक व्यक्ति ने टेलीकॉम टावर पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया. सालों से कार में सामान बेचने वाले व्यक्ति को आवंटन सूची से बाहर रखा गया था. पुलिस और प्रशासन के आश्वासन के बाद उसे सुरक्षित नीचे उतारा गया. डिप्टी कमिश्नर ने मामले पर विचार का भरोसा दिया जिसके बाद प्रदर्शन करने वाला व्यक्ति शांत हुआ.

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में कर्ज चुकाने के लिए किडनी बेचने का दावा करने वाले किसान रोशन कुदे की मेडिकल जांच में पुष्टि हुई है कि उसके पास केवल एक किडनी है. मामले में छह साहूकार गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस मानव अंग तस्करी और अवैध कर्ज वसूली के एंगल से जांच कर रही है. दावे के मुताबिक इस किसान ने साहूकारों से 50 हजार का कर्ज लिया था जो ब्याज के साथ बढ़कर 74 लाख रुपये तक पहुंच गया.

सुप्रीम कोर्ट ने बोतलबंद पानी की गुणवत्ता से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश में पीने के पानी की उपलब्धता प्राथमिकता है और बोतलबंद पानी के मानकों पर विचार करने के लिए सक्षम प्राधिकरण मौजूद है। याचिका में बोतलबंद पानी के पुराने मानकों और प्लास्टिक से रिसने वाले रसायनों के स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर चिंता जताई गई थी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को संबंधित प्राधिकरण के समक्ष अपनी बात रखने की सलाह दी।









