
नौकरी की चाहत, शौहर से झगड़ा और नकाब... चौंकाने वाली है शामली के ट्रिपल मर्डर केस की पूरी कहानी
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यूपी का शामली इलाका सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर की वारदात से दहला हुआ है. जहां एक शख्स ने पत्नी के नकाब उतारने और नौकरी करने की चाहत से नाराज़ होकर उसे अपनी दो मासूम बेटियों के साथ मौत के घाट उतार दिया. पुलिस जांच के दौरान इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
एक बीवी केवल इतना चाहती थी कि वो अपने शौहर का हाथ पकड़कर घर से बाहर निकले. कोई नौकरी करे. ताकि उनके घर की माली हालत अच्छी हो जाए. लेकिन उस नादान औरत के शौहर को ये बात कतई मंजूर नहीं थी. इसी बात को लेकर मियां बीवी में झगड़ा हो गया. झगड़े के बाद वो महिला अपने घर से निकलकर मायके जा पहुंची. मगर घर से निकलते वक्त उसने बुर्का नहीं पहना था. बस यही बात उसके शौहर को नागवार गुजरी. उसे लगा कि उसकी बीवी बिना नकाब के घर से बाहर निकली है, तो खानदान वालों के सामने उसकी नाक कट गई. और बस यही छोटी सी बात तीन लोगों के कत्ल की वजह बन गई.
यूपी में शामली जिले के एसपी एन.पी. सिंह बताते हैं कि एक महिला अपने पति का हाथ बटाने और अपने परिवार की बेहतर ढंग से परवरिश करने के लिए पर्दे से बाहर निकलकर काम करना चाहती थी. लेकिन उसका अंजाम बहुत बुरा हुआ. चलिए आपको पूरी कहानी बताने के लिए रुख करते हैं शामली का. जहां रात के वक्त एक घर के बाहर कतार से भीड़ खड़ी है. घर के अंदर पुलिसवाले भी मौजूद हैं. और इस वक्त इस घर के अंदर कुछ मजदूर खुदाई कर रहे हैं. शायद अब तक पांच फुट गहरा गड्ढा खुद चुका है क्योंकि ऐसी कुछ आवाज सुनाई देती है. कोई कहता है कि 5 फुट गहरा गड्ढा हो चुका है.
जैसे-जैसे गड्ढा गहरा होता जा रहा था, मौके पर मौजूद पुलिस समेत लोगों की सांसे भी ऊपर नीचे होती जा रही थीं. पुलिस की परेशानी ये थी कि जिस शख्स की गवाही पर वहां गड्ढा खोदा जा रहा है, पता नहीं उसकी गवाही सच है भी कि नहीं. और भीड़ में मौजूद रिश्तेदारों का डर ये कि कहीं ग़ड्ढे से सचमुच वो डरावना सच बाहर ना आ जाए. इसी कशमकश और रहस्य के बीच खुदाई जारी थी. गवाह सच्चा निकला. जो उसने कहा था वही हुआ.
गड्ढे के अंदर से एक एक कर अब तीन लाशें बाहर आ चुकी थीं. गवाह ने भी तीन लाशों का ही जिक्र किया था. और घर के तीन लोग ही पिछले 6 दिनों से गायब थे. इन तीन में से दो लाशें गवाह की 14 साल की बेटी आफरीन और 10 साल की बेटी सहरीन की थी. जानते हैं तीसरी लाश किसकी थी. गवाह की बीवी ताहिरा की. उसी ताहिरा की जिसने नकाब उतारकर अपने शौहर का हाथ बटाकर घर के हालात को बेहतर बनाने का फैसला किया था. पर ताहिरा के शौहर फारुख को ये फैसला बेइज्जती वाला लगा. और बस ताहिरा के इस एक फैसले की वजह से फारुख ने उसे गोली मार दी.
कौन है फारुख? शामली का रहने वाला फारूख दुकान और शादियों मे रोटी बनाने का काम करता था. 18 साल पहले उसकी शादी ताहिरा से हुई थी. दोनों के पांच बच्चे हैं. सबसे बड़ी बेटी 14 साल की आफरीन और सबसे छोटा बेटा 6 साल का अरशद. तीन बेटी और दो बेटे. 18 साल तक सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन फारुख की आमदनी इतनी नहीं थी कि वो अपनी बीवी और बच्चों को अच्छी जिंदगी दे पाता. यहां तक की बच्चे स्कूल भी नहीं जा रहे थे.
घर की इसी हालत को देखते हुए पिछले महीने नंवबर के पहले हफ्ते में ताहिरा ने फारुख से बाहर जाकर कोई काम करने की ख्वाहिश जताई ताकि घर की माली हालत बेहतर हो सके. लेकिन फारुख इससे नाराज हो गया. इसी बात पर मियां-बीवी में झगड़ा हुआ. फिर गुस्से में ताहिरा सरकारी बस से अपने मायके चली गई. पर ये पहली बार था, जब घर से बाहर निकलते वक्त ताहिरा ने बुर्का या नकाब नहीं पहना था.

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