पाकिस्तान को लेकर 19 साल पहले जो बात कही थी, उस पर काम करेंगे रॉजर बिन्नी?
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बीसीसीआई को नया बॉस मिल गया है, वर्ल्ड चैम्पियन क्रिकेटर रॉजर बिन्नी के हाथ में अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष होंगे. बिन्नी के सामने बतौर बोर्ड अध्यक्ष कई बड़ी चुनौतियां हैं, इनमें से एक है भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट रिश्ते. बिन्नी खुद भारत-PAK क्रिकेट के समर्थक रहे हैं, अब जब वह भारतीय क्रिकेट की सर्वोच्च कुर्सी पर बैठे हैं तब इस ओर क्या काम कर पाते हैं इसपर सभी की निगाहें हैं.
रॉजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नये अध्यक्ष बन चुके हैं. और इस तरह से भारतीय क्रिकेट प्रशासन एक अलग तस्वीर गढ़ रहा है. पहली बार ऐसा हुआ है कि दो भारतीय क्रिकेटर एक के बाद एक, क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के शीर्ष पर दिखे हैं. साथ ही बिन्नी पहले ऐसे बीसीसीआई प्रेसिडेंट बन गए हैं जो विश्व कप चूम सके हैं.
मैदान पर रॉजर बिन्नी का अच्छा रिकॉर्ड रहा है. विश्व कप में 8 मैचों में उन्होंने 18 विकेट लिये जो उस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में हुई 1985 में वर्ल्ड सीरीज़ क्रिकेट चैम्पियनशिप में उन्होंने 17 विकेट लिये. भारत के लिये उन्होंने 27 टेस्ट और 72 वन-डे मैच खेले. इस लिहाज़ से क्रिकेट के अनुभव में बिन्नी सभी बॉक्स टिक करते हुए दिखते हैं. बीसीसीआई अध्यक्ष बनने से ठीक पहले बिन्नी कर्नाटका क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष थे. ये पद उन्हें 2019 में मिला था. बीसीसीआई में अध्यक्ष का पद संभालने से पहले उन्हें ये स्टेट क्रिकेट ओसियेशन की कुर्सी छोड़नी पड़ी होगी. इसके साथ ही उन्हें क्रिकेट में कोचिंग का भी अनुभव है. बिन्नी को 2009 में बंगाल क्रिकेट का कोच बनाया गया था. उससे भी पहले, रॉजर बिन्नी उस भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के कोच थे जिसने 2000 में विश्व कप जीता था. लिहाज़ा रॉजर बिन्नी क्रिकेट कोचिंग के मामले में भी अव्वल अंक पाते दिखते हैं.
लेकिन अब बिन्नी के सामने एक चुनौती खड़ी दिखती है. भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेटीय रिश्तों की चुनौती. ये बात सही है कि बीसीसीआई के एजेंडा में ये मसला कहीं भी नहीं दिखता है. लेकिन एक ऐसा क्रिकेट बोर्ड जो रेवेन्यू के लिये लालायित दिखता है, राजनीतिक मजबूरियों के चलते ऐसे मुक़ाबलों से मुंह फेरता दिखता है जो पैसों की गारंटी देता दिखता है. क्रिकेट को एक सेकंड के लिये किनारे रख दें, तो भी भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार का मैच क्रिकेट से इतर सब कुछ परोसता दिखता है. इसमें पैसा प्रमुख है.
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अभी ये बात क्यूं हो रही है? इसलिये, क्यूंकि रॉजर बिन्नी के आने के साथ ही ये ख़बर भी आयी कि भारतीय क्रिकेट टीम 2023 में एशिया कप खेलने के लिये पाकिस्तान नहीं जायेगी. एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष जय शाह ने बीसीसीआई की सालाना जनरल मीटिंग के बाद कहा कि एशिया कप अब किसी दूसरी जगह करवाया जायेगा. लेकिन यही रॉजर बिन्नी 2003 में भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के रिश्तों को बहाल करने की वक़ालत कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि पूर्व खिलाड़ी अगर सरकार पर दबाव डालें तो भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय सीरीज़ आदि शुरू हो सकती हैं और ऐसा होना चाहिये. उन्होंने कहा था, "मुझे मालूम है कि दोनों देशों के लोग इंडिया-पाकिस्तान के बीच खेल देखना चाहते हैं. उनके लिये भारत-पाकिस्तान के मैच से बड़ा और कोई कॉन्टेस्ट नहीं होता." उन्होंने साथ ही ये भी कहा था कि दोनों देशों की टीमों को एक दूसरे के घर में खेलना चाहिये, न कि न्यूट्रल जगहों पर.
हाल ही में इंग्लैण्ड क्रिकेट बोर्ड ने ये पेशकश भी की थी कि यदि इंडिया और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड राज़ी हो जाएं तो वो दोनों टीमों के मैच आयोजित कर सकते हैं. ईसीबी के डिप्टी चेयरपर्सन मार्टिन डरलो ने ये बात रमीज़ राजा से कही थी. लेकिन ये होना भी मुश्किल ही दिख रहा है. पीसीबी इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के इस न्योते पर कुछ ख़ास ध्यान देना का इरादा नहीं रख रही है.