
कितनी खतरनाक है 'ब्रेन ब्लीडिंग' जिसकी वजह से हुई सद्गुरु की सर्जरी, इस तरह का सिर दर्द खतरे का संकेत
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दुनियाभर में मशहूर आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (सद्गुरु) की इमरजेंसी ब्रेन सर्जरी की खबर ने हर किसी को चौंका दिया. सद्गुरु को ब्रेन ब्लीडिंग (ब्रेन हेमरेज) की वजह से सर्जरी से गुजरना पड़ा. आइए जानते हैं कि ब्रेन ब्लीडिंग क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और ये कितनी खतरनाक कंडीशन है.
दुनियाभर में मशहूर आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (सद्गुरु) की इमरजेंसी ब्रेन सर्जरी की खबर सुनकर उनके अनुयायी और प्रशंसक चिंतित हैं. दरअसल, सिरदर्द की लगातार परेशानी होने पर सद्गुरु की एमआरआई कराई गई जिसमें पता चला कि उन्हें ब्रेन ब्लीडिंग (ब्रेन हेमरेज) की दिक्कत हो गई है. आनन-फानन में उन्हें सर्जरी के लिए ले जाया गया. देश-विदेश में सद्गुरु के अनुयायी उनके जल्द सेहतमंद होने की दुआ कर रहे हैं.
सद्गुरु के साथ जो कंडीशन हुई, मेडिकल साइंस में यह काफी खतरनाक मानी जाती है. ऐसी स्थिति में मरीज की जान बचाने के लिए तुरंत सर्जरी करनी पड़ती है नहीं तो उसकी मौत हो सकती है या वह कोमा जैसी स्थिति में भी जा सकता है. ब्रेन हेमरेज में ब्रेन टीशू और खोपड़ी के बीच ब्लीडिंग हो सकती है या सिर्फ ब्रेन टिशू के अंदर भी ब्लीडिंग हो सकती है. यह स्ट्रोक मस्तिष्क और खोपड़ी के बीच खून जमा होने का कारण भी बन सकता है.
इस मामले में इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरो सर्जन सुधीर कुमार ने कई गंभीर चीजें बताईं. उन्होंने कहा कि एक तरफ ब्रेन हेमरेज से सिर के प्रभावित हिस्से में सूजन हो सकती है. इसके साथ ही मध्य रेखा पर दबाव पड़ सकता है, जिससे मध्य रेखा उल्टी दिशा में जा सकती है. अगर ऐसी स्थिति होती है तो इससे न सिर्फ प्रभावित हिस्से पर बल्कि अप्रभावित हिस्से में भी ब्रेन स्ट्रक्चर पर दबाव पड़ता है.डॉक्टर सुधीर के अनुसार, यह एक इमरजेंसी कंडीशन है. इसमें मरीज की जान बचाने या उसे विकलांगता से रोकने के लिए तत्काल सर्जरी की जरूरत होती है.
क्या ब्रेन ब्लीड कंडीशन कॉमन है? डॉक्टर सुधीर कुमार के अनुसार, आमतौर पर ब्रेन ब्लीडिंग की कंडीशन का कारण गिरना या ट्रामा होता है. इसके साथ ही जिन लोगों का अनियंत्रित ब्लड प्रेशर रहता है, उनके साथ भी यह कंडीशन हो सकती है. इसके साथ ही मस्तिष्क में खून के थक्के, ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन इन्फेक्शन भी इसका कारण हो सकता है.
क्या यह मरीज के लिए बेहद खतरनाक है? एक्सपर्ट के अनुसार, यह कंडीशन बेहद खतरनाक है जिससे मरीज की मौत या विकलांगता हो सकती है. एक्सपर्ट के अनुसार, मस्तिष्क कोशिकाएं जब एक बार मर जाती हैं तो वह वापस नहीं आती हैं.
इसके लक्षण क्या हैं? सद्गुरु के मामले में परेशानी का लक्षण सिर्फ लगातार सिरदर्द होना था. इसलिए ही एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बिना किसी कारण होने वाले गंभीर सिरदर्द की गंभीरता से जांच करानी चाहिए. सिरदर्द के अलावा कमजोरी, चेहरे, हाथ, पैर या शरीर के किसी एक हिस्से में लकवा होना भी इसका लक्षण हो सकता है. इसी के साथ कई मरीजों में चक्कर, उल्टी, शारीरिक थकान, नींद आना और बोलने में दिक्कत होना जैसे लक्षण भी देखे जाते हैं. इसके साथ ही कुछ मरीजों को निगलने में परेशानी, विजन लॉस, बैलेंस में दिक्कत जैसे लक्षण महसूस होते हैं. हालांकि, इसका सबसे आम और सबसे पहला लक्षण अचानक गंभीर सिरदर्द होना ही माना जाता है.

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