
आज से ही लागू होगी PM विकसित भारत रोजगार योजना, जानें कैसे मिलेगा इसका फायदा
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प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई नवीनतम रोज़गार-संबंधी प्रोत्साहन योजना है. अगर आप एक नियोक्ता हैं और अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं या पहली बार नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो यह योजना आपके लिए सीधे तौर पर लाभकारी हो सकती है.
पीएम मोदी ने लालकिले से कहा कि 15 अगस्त से ये योजना शुरू कर रहे हैं. आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना आज से लागू हो रही है. इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले बच्चों को 15000 रुपये सरकार की ओर से दिए जाएंगे. जो कंपनियां ज्यादा रोजगार देने के लिए प्रयास करेंगे, उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना करीब-करीब साढ़े 3 करोड़ नौजवानों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी. सभी नौजवानों के इसके लिए बहुत बहुत बधाई.
क्या है प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई नवीनतम रोज़गार-संबंधी प्रोत्साहन योजना है. अगर आप एक नियोक्ता (Employer) हैं और अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं या पहली बार नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो यह योजना आपके लिए सीधे तौर पर लाभकारी हो सकती है. यह योजना (प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना) आज से लागू है. इसका मकसद युवाओं को पहली नौकरी पाने में मदद करना है.
इस योजना में दो भाग हैं, भाग ए पहली बार रोजगार पाने वालों पर केंद्रित है तथा भाग बी नियोक्ताओं पर केंद्रित है:
भाग ए: पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन: ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को लक्षित करते हुए, इस भाग में एक महीने का ईपीएफ वेतन, अधिकतम 15,000 रुपये दो किश्तों में दिया जाएगा. 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे. पहली किश्त 6 महीने की सेवा के बाद और दूसरी किश्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी. बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी बाद में इसे निकाल सकेगा.
भाग बी: नियोक्ताओं को सहायता: यह भाग सभी सेक्टरों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को कवर करेगा, जिसमें विनिर्माण सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. नियोक्ताओं को एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि मिलेगी, सरकार कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्षों तक नियोक्ताओं को 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी. विनिर्माण सेक्टर के लिए प्रोत्साहन राशि को तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा.
ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी.

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