World Liver Day 2023: शराब को हाथ ना लगाने वालों का भी लिवर हो रहा खराब, ना करें ये गलतियां
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लिवर हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में एक है. लिवर के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है. पहले ऐसा माना जाता था कि लिवर से जुड़ी ज्यादातर बीमारियां शराब की वजह से होती हैं. लेकिन नॉन-अल्कोहल फैटी लीवर डिसीस, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसे रोग अब लोगों को पहले से कहीं अधिक प्रभावित कर रहे हैं जिसकी बड़ी वजह खराब खानपान और जीवनशैली है.
हम सभी ने यह सुना है कि ज्यादा शराब पीने से लिवर सड़ जाता है लेकिन क्या आपको मालूम है कि शराब ही नहीं बल्कि मोटापा भी आपका लिवर खराब सकता है. दरअसल, मोटापा नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीस (Non Alcoholic Fatty liver Diseases, NAFLD) का एक बड़ा कारण है जिनकी वजह से आपका लिवर शराब को हाथ लगाए बिना भी सड़ सकता है. नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीस खराब खान-पान और बिगड़े रूटीन से जुड़ी बीमारियां हैं जो भारतीय आबादी को तेजी से लिवर का रोगी बना रही हैं.
NAFLD क्यों बना रही भारतीयों को शिकार
दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल के लिवर ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर संजीव सहगल ने आजतक को बताया, ''भारत में पिछले 10-15 सालों में नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीस तेजी से बढ़ी हैं. पहले ये बीमारियां पश्चिमी देशों में ज्यादा होती थीं क्योंकि वहां के लोगों का खानपान और लाइफस्टाइल ठीक नहीं थी. अब भारत में भी ये कॉमन हो गई है और ये देश में होने वाली टॉप बीमारियों में शामिल है.''
उन्होंने कहा, ''अगर आपका वजन ज्यादा है तो आपको ये बीमारी होने की ज्यादा संभावना है. ''जैसे-जैसे मोटापा बढ़ता है, वैसे ही लिवर में फैट बढ़ने लगता है. कई लोगों को हालांकि मोटापा नहीं होता, वो भी इसका शिकार हो रहे हैं, इस कंडीशन को लीन फैटी लिवर डिसीस कहते हैं. इसके अलावा नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर (fatty liver) डिजीज के मुख्य कारण हाई कोलेस्ट्रॉल, हाईपरटेंशन और ट्राईग्लिसराइड्स और डायबिटीज जैसी बीमारियां भी हैं. यह इसके मेटाबॉलिक फैक्टर्स हैं.''
फरीदाबाद के मारेंगो एशिया अस्पताल के लिवर ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर पुनीत सिंगला के मुताबिक, ''नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) होने के सबसे आम कारण मोटापा और डायबिटीज को काबू ना कर पाना है. इसके अलावा अधिक कार्बोहाइड्रेट, अधिक फैट, जंक फूड, कार्बोनेटेड पेय के सेवन से फैटी लिवर होने का खतरा अधिक होता है.''
उन्होंने कहा, ''आलस भरी जीवनशैली और फिजिकल एक्टिविटी में कमी लिवर की सेहत पर बुरा प्रभाव डालती है. आज की लाइफस्टाइल में सबकुछ ऑनलाइन हो चुका है. आप हर चीज की होम डिलीवरी करा सकते हैं. आसानी से हर चीज की उपलब्धता के कारण लोगों में फिजिकल एक्टिविटी कम और बीमारियां बढ़ी हैं. खासकर मेट्रो शहरों में लंबी यात्रा की वजह से लोग रोजमर्रा के काम के लिए ऑनलाइन सेवाओं पर निर्भर होते जा रहे हैं.''
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