Unemployment in India: देश में हर छठा ग्रेजुएट बेरोजगार, अनपढ़ों में एक फीसदी से भी कम बेरोजगारी
AajTak
केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि अनपढ़ लोगों की तुलना में पढ़े-लिखे लोगों में बेरोजगारी दर कहीं ज्यादा है. अनपढ़ लोगों में बेरोजगारी दर 0.6% है, जबकि ग्रेजुएट लोगों में बेरोजगारी दर का आंकड़ा 17 फीसदी से भी कहीं ज्यादा है.
Unemployment in India: देश में कोरोना संक्रमण ने बेरोजगारी पर कितना असर डाला है, इसका पता सरकार के आंकड़ों से चलता है. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने लॉकडाउन से पहले और बाद के कर्मचारियों की संख्या का आंकड़ा दिया है. इसके मुताबिक, कोरोना संक्रमण की पहली लहर को काबू में करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से करीब 27 लाख लोगों की नौकरियां चली गई थीं.
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने लोकसभा में बताया है कि उत्पादन और निर्माण जैसे 9 क्षेत्रों में 25 मार्च 2020 से पहले 3.07 करोड़ कर्मचारी काम कर रहे थे. 1 जुलाई 2020 को इन्हीं 9 क्षेत्रों में कर्मचारियों की संख्या घटकर 2.84 करोड़ हो गई. यानी पहले लॉकडाउन में 23 लाख लोगों की नौकरियां चली गईं. जिनकी नौकरियां गईं, उनमें 16.3 लाख पुरुष और 6.7 लाख महिला कर्मचारी थीं.
ये भी पढ़ें-- Unemployment in India: बेरोजगारी से देश का हुआ बुरा हाल, घर बैठे 5 करोड़ से ज्यादा लोग
पढ़े-लिखे और अनपढ़ों में ज्यादा बेरोजगार कौन?
- बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी ने पढ़े-लिखे युवाओं में बेरोजगारी दर से जुड़े आंकड़े मांगे थे. इस पर श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब दिया.
- उन्होंने पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) के तीन साल के आंकड़े दिए हैं. इसके मुताबिक, पढ़े-लिखे युवाओं में अनपढ़ युवाओं की तुलना में बेरोजगारी दर ज्यादा है.
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल स्थापित किए. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की. उन्होंने यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए. केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं.
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि राहुल गांधी हर विषय पर बिना समझे बयान देते रहते हैं. उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को चुनौती देते हुए कहा कि वे बिना गहराई से समझे, विषयों पर टिप्पणी कर देते हैं. उन्होंने राफेल, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) के मामलों का उदाहरण दिया. देखें वीडियो.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी इस मामले पर बयानबाजी नहीं कर सकती क्योंकि सभी पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से कानूनी रूप से पैसा मिला है. उन्होंने यह भी बताया कि यह सब पर्लियामेंट के द्वारा लागू किए गए निर्णय के अनुसार हुआ है. वित्त मंत्री ने और क्या कहा, देखें वीडियो.