
Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर कैसे करें लड्डू गोपाल का श्रृंगार? भोग-प्रसाद की पूरी विधि भी समझें
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Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण का श्रृंगार प्रेम, श्रद्धा और पूरे भक्ति भाव से करना चाहिए. सबसे पहले भगवान को स्नान करवाकर स्वच्छ करें, फिर एक साफ कपड़े पर बैठाकर श्रृंगार शुरू करें.
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन वृंदावन में अद्भुत रौनक देखने को मिलती है. देश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचकर इस उत्सव को देखते हैं. श्रीकृष्ण केवल भगवान ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण जीवन दर्शन का प्रतीक हैं. उनकी हर लीला में जीवन में बड़ी सीख हो सकती है. जन्माष्टमी पर भगवना का विशेष श्रृंगार भी किया जाता है और विविध प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग भी अर्पित किया जाता है. आइए आज आपको इसी के बारे में विस्तार से बताते हैं.
कब है जन्माष्टमी 2025?
कृष्ण जन्माष्टमी की अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 16 अगस्त को रात 9 बजकर 34 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल 16 अगस्त शनिवार को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. जन्माष्टमी का पूजन मुहूर्त 16 अगस्त को रात 12 बजकर 4 मिनट पर शुरू होकर 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा. जिसकी अवधि कुल 43 मिनट की रहेगी.
कैसे करें श्रीकृष्ण का श्रृंगार?
श्रीकृष्ण का श्रृंगार प्रेम, श्रद्धा और पूरे भक्ति भाव से करना चाहिए. सबसे पहले भगवान को स्नान करवाकर स्वच्छ करें, फिर एक साफ कपड़े पर बैठाकर श्रृंगार शुरू करें.
श्रृंगार में ताजगी और सुंदरता लाने के लिए फूलों का खूब प्रयोग करें. गेंदा, गुलाब, मोगरा या चमेली के फूल भगवान को अति प्रिय हैं. भगवान को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं, क्योंकि पीला रंग उनका सबसे पसंदीदा रंग माना जाता है.

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