
Jahangirpuri: 'जिन्होंने दंगा किया उन्हें छोड़ दिया, हमारी दुकानें तोड़ दी', बुलडोजर एक्शन के बाद बोले जहांगीरपुरी के लोग
AajTak
Jahangirpuri: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली नगर निगम के अवैध निर्माण हटाने का अभियान रोकते हुए यथास्थिति का आदेश जारी किया है. साथ ही CJI ने कहा कि गुरुवार को इस मामले की सुनवाई होगी. लेकिन बुधवार को जिन लोगों की दुकानों पर बुलडोजर चला वो काफी दुखी हैं.
दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अवैध निर्माण व अवैध दुकानों पर बुलडोजर चलाया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है लेकिन जब तक अधिकारियों को कोर्ट का आदेश मिलता तक तक कई दुकानों पर बुलडोजर चल चुका था. जिनकी दुकानें टूटीं वे खुद को बेगुनाह बता रहे हैं. उनका कहना है कि हिंसा कोई और फैला गया और प्रशासन जख्म हमें दे गया. बुलडोजर ने उनकी दशकों पुरानी मेहनत पलभर में तबाह कर दी. जानते हैं कि उनका दर्द जिनकी दुकानों पर कार्रवाई हुई.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की तामील की क्या है प्रक्रिया, जहांगीरपुरी में सवा घंटे तक क्यों नहीं हुआ पालन?
'40 साल से लगा रहे थे दुकान, अब क्या करेंगे'
रेशमा अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर गुमसुम बैठी हुई हैं. वह और उसका परिवार जहां बैठा है, उसी जगह पर वो चाय की दुकान चलाते थे. दुकान जहांगीरपुरी के हिंसा वाली जगह मस्जिद के सामने रोड की दूसरी तरफ है. एमसीडी के बुलडोजर ने उनकी चाय की दुकान तोड़ दी है. रेशमा बताती हैं कि वह 40 साल से इसी जगह पर दुकान लगाती आई हैं. 14 लोगों के परिवार का गुजारा इसी दुकान से होता है.
रेशमा कहती हैं कि उनके पूर्वज पश्चिम बंगाल से दिल्ली आए थे. रेशमा भी दिल्ली में ही जन्मी थीं. रेशमा कहती हैं कि इतने सालों में कभी यहां हिंदू-मुस्लिम के बीच कोई हिंसा नहीं हुई. इस बार ऐसी हिंसा हुई कि उन्हें अपने ही देश में बांग्लादेशी कहा जा रहा है. हम यहीं में पैदा हुए, यहीं बड़े हुए... किसी के कहने से बांग्लादेशी नहीं हो जाएंगे. दंगा किसी ने भी किया हो लेकिन उनके परिवार पर अब रोटी का संकट खड़ा हो गया है. अब हम लोग क्या करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







