Chhath Puja 2021: सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय नहीं करनी चाहिए ये गलतियां, भूल हुई तो आएगी दरिद्रता
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सूर्य देव को सनातन संस्कृति के आदि पंच देवों में स्थान प्राप्त है, वहीं ज्योतिष में इन्हें ग्रहों का राजा माना जाता है. सूर्य को कुंडली में आत्मा तक का कारक माना गया है. इतना ही नहीं किसी भी तरह के मान सम्मान या अपमान के कारक भी यही सूर्य देव ही होते हैं.
सूर्य देव को सनातन संस्कृति के आदि पंच देवों में स्थान प्राप्त है. वहीं ज्योतिष में इन्हें ग्रहों का राजा माना जाता है. सूर्य को कुंडली में आत्मा तक का कारक माना गया है. इतना ही नहीं किसी भी तरह के मान-सम्मान या अपमान के कारक भी यही सूर्य देव ही होते हैं. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. इस दिन भगवान भास्कर की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य मंत्रों का जाप करने से कुंडली में सूर्य से संबंधित दोष दूर हो जाते हैं. वहीं सूर्य देव को अर्घ्य देने से हर प्रकार का कष्ट दूर होता है. ऐसे में अर्घ्य देने के कुछ खास नियम हैं, जिन्हें जान लेना बेहद जरूरी है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि जो लोग सूर्य देव को प्रतिदिन सुबह उठकर अर्घ्य देते हैं, उनके मान सम्मान में हमेशा तेजी रहती है. जीवन में आने वाली बाधाएं आसानी से दूर हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि सूर्य देव को अर्घ्य देते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. यदि भूलकर भी गलती हुई, तो सूर्य देव नाराज हो जाते हैं. आइए जानते हैं जल चढ़ाने से जुड़ी बातों के बारे में.
कोटा जिला कलेक्टर ने तपती गर्मी से बच्चों को राहत देने के लिए कोचिंग संस्थानों को निर्देशित किया है कि दोपहर 12:00 बजे से पहले और 3:00 के बाद ही कोचिंग के बच्चों के क्लास का समय रखें. दोपहर 12 से 3 के बीच टेंपरेचर 47 से 48 रह रहा है और इस बीच अगर कोचिंग क्लास के लिए बच्चे निकलते हैं तो लू-ताप से बीमार होने की संभावना रहती है.