
Arshdeep Singh: 'आपको इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं...', नो-बॉल को लेकर अर्शदीप सिंह पर भड़के गौतम गंभीर
AajTak
श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 मुकाबले में अर्शदीप सिंह कुछ खास कमाल नहीं कर पाए थे. अर्शदीप ने पांच नो-बॉल डाले जिसने मैच का रुख पूरी तरह से पलट दिया. अब टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने अर्शदीप सिंह की बॉलिंग पर प्रतिक्रिया दी है. गंभीर ने कहा कि यदि कोई प्लेयर इंजरी के बाद आ रहा है तो उसे सीधे इंटरनेशनल मैच नहीं खेलना चाहिए.
टीम इंडिया को श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के दूसरे टी-20 मुकाबले में 16 रन से हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय टीम की हार के पीछे की वजह उसके गेंदबाजों का खराब प्रदर्शन था. भारतीय गेंदबाज इस दूसरे मुकाबले में आउट ऑफ टच दिखाई दिए. भारतीय गेंदबाजों ने जो सात नो-बॉल फेंके उसमें पांच अर्शदीप सिंह के नाम रहे.
गंभीर ने अर्शदीप सिंह को दी नसीहत
क्रिकेट विशेषज्ञ भी भारतीय टीम की हार का मुख्य कारण 'नो बॉल' को दे रहे हैं. भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद अर्शदीप की प्लेइंग इलेवन में सीधे वापसी उनके खराब गेंदबाजी का कारण थी. गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, 'सात गेंदों की कल्पना कीजिए, यह 21 ओवर से ज्यादा गेंदबाजी करने जैसा है. हर कोई खराब गेंद फेंकता है या खराब शॉट खेलता है, लेकिन यह लय हासिल करने के बारे में है.'
क्लिक करें- PAK क्रिकेटर ने आठ साल बाद लगाया शतक... तो रोने लगीं वाइफ, Video
तो आपको मैच नहीं खेलना चाहिए: गंभीर
गंभीर कहते हैं, 'यदि आप चोट के बाद आ रहे हैं तो आपको अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलना चाहिए. आपको घरेलू क्रिकेट में जाना चाहिए और अपनी लय वापस पानी चाहिए क्योंकि नो-बॉल स्वीकार्य नहीं हैं. जो भी चोटिल हैं और लंबे समय से बाहर हैं, उन्हें घरेलू क्रिकेट में वापस जाना होगा, 15-20 ओवर फेंकना होगा, फिर वापस आएं और अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेलें. यह स्पष्ट रूप से देखा गया, जब अर्शदीप सिंह लय हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे थे.'

भारत और साउथ अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच अब शनिवार (6 दिसंबर) को वाइजैग (विशाखापत्तनम) में है. रांची में भारत जीता और रायपुर में अफ्रीकी टीम ने जीत दर्ज की. वाइजैग के साथ भारत के लिए एडवांटेज यह है कि यहां टीम का रिकॉर्ड शानदार है. यहां कोहली-रोहित चलते हैं, साथ ही 'ब्रांड धोनी' को पहली बड़ी पहचान यहीं मिली थी.












