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हाइपरसोनिक और सुपरसोनिक मिसाइल में क्या अंतर? आवाज की स्पीड से कई गुना तेज करती हैं वार
Zee News
Hypersonic And Supersonic Missile Difference: किसी भी देश के लिए हाइपरसोनिक और बैलिस्टिक मिसाइलें दोनों ही सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी होती हैं. यह दुश्मनों के लिए किसी खतरे की तरह होती है. हालांकि दोनों ही मिसाइलों के काम करने के तरीकों में अंतर होता है.
Military Power: जैसे-जैसे दुनिया आधुनिकता और टेक्नॉलजी की तरफ बढ़ रही है, देशों की Military Power को उनकी तकनीकों से मापा जाने लगा है. पहले की मिसाइलें सिर्फ निशाना ही लगा पाती थी, लेकिन अब विज्ञान और तकनीक ने उन्हें नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. आज के समय में मिसाइलें मिनटों में दूर तक सटीक हमले को अंजाम दे सकती हैं. बता दें कि इन आधुनिक हथियारों में सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें सबसे खास हैं. आज हम आपको इन दोनों मिसाइलों के बीच के अंतर को बताएंगे.

Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









