शरद के इनकार पर फारूक के नाम पर विचार, ममता की बैठक में राष्ट्रपति उम्मीदवार पर मंथन
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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष में एकता बन गई है. बुधवार को शरद पवार की अध्यक्षता में एक बैठक की गई. इसमें लगभग सभी दलों के नेता मौजूद रहे.
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष में एकता बन गई है. बुधवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में शरद पवार की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई. इसमें लगभग सभी दलों के नेता मौजूद रहे. इस बैठक में विपक्षी दलों की तरफ से शरद पवार का नाम आगे बढ़ाने पर सहमति दी गई. हालांकि, शरद पवार के इंकार करने पर नए नाम को खोजा जा रहा है. विपक्ष की बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर शरद पवार खुद अपने नाम की हामी भर देंगे तो अच्छा रहेगा. वरना संयुक्त उम्मीदवार के नाम पर विचार किया जाएगा.
बताते चलें कि विपक्ष की बैठक में पहले शरद पवार का नाम आया, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. उसके बाद ममता बनर्जी की फारूक अब्दुल्ला के नाम पर भी चर्चा हुई. हालांकि, उमर अब्दुल्ला ने उनके नाम का विरोध किया और कहा- इसमें उनके नाम की चर्चा नहीं करनी चाहिए. सूत्रों की मानें तो ममता ने दो नाम सुझाए हैं. इनमें एक गोपाल कृष्ण गांधी और दूसरा नाम फारूक अब्दुल्ला का है. इसके अलावा, अन्य की तरफ से एनके प्रेमचंद्रन का नाम भी सुझाया गया.
ममता ने कहा कि आज यहां कई पार्टियां थीं. हमने तय किया है कि हम केवल एक आम सहमति वाले उम्मीदवार को चुनेंगे. हर कोई इस उम्मीदवार को समर्थन देगा. हम दूसरों से सलाह मशविरा करेंगे. यह एक अच्छी शुरुआत है. हम कई महीनों के बाद एक साथ बैठे और हम फिर से एक साथ बैठक करेंगे.
ममता ने आगे कहा कि आज की मीटिंग में महत्वपूर्ण चीज ये रही है कि सभी सीनियर नेता आए थे. महबूबा मुफ्ती और अखिलेश यादव पहली बार किसी संयुक्त बैठक में आए थे. इस बैठक में कांग्रेस, शिवसेना, डीएमके के नेता आए थे. विपक्ष का कहना है कि एक उम्मीदवार वास्तव में संविधान के संरक्षक के रूप में काम कर सकता है और मोदी सरकार को भारतीय लोकतंत्र और भारत के सामाजिक ताने-बाने को और नुकसान पहुंचाने से रोक सकता है.
अब आगे क्या...
तय किया गया कि एक सप्ताह के अंदर इस मुद्दे पर एक और बैठक होगी. इस बैठक में संयुक्त उम्मीदवार के नाम का चयन किया जा सकता है. सभी विपक्षी दलों को साथ लेकर चलने का काम टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपा गया है.
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