
शंघाई में कोरोना लॉकडाउन से समुद्र में लगा जाम, जानें भारत पर क्या असर पड़ सकता है?
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चीन के शंघाई में कोरोना लॉकडाउन से बंदरगाह के बाहर सैकड़ों जहाजों का ढेर लग गया है. लॉकडाउन की वजह से लोडिंग-अनलोडिंग नहीं हो पा रही है, जिससे सप्लाई चेन पर संकट खड़ा हो गया है. शंघाई दुनिया का सबसे व्यस्ततम बंदरगाह है.
चीन इस समय कोरोना की अब तक की सबसे बुरी मार से जूझ रहा है. सबसे खराब हालत शंघाई की है. कोरोना से अब तक यहां 25 लोगों की मौत हो चुकी है. यहां 27 मार्च से ही सख्त लॉकडाउन लगा है. लोगों के पास अब खाने-पीने के सामान की भी कमी होने लगी है. सख्त लॉकडाउन की वजह से शंघाई पोर्ट पर हजारों कंटेनरों के ढेर लग गए हैं. सैकड़ों जहाज अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इससे दुनिया में सप्लाई चेन पर संकट खड़ा हो गया है.
शंघाई चीन का फाइनेंशियल हब है और यहां दुनिया का सबसे व्यस्त बंदरगाह भी है. सख्त लॉकडाउन की वजह से शंघाई पोर्ट पर सैकड़ों जहाज खड़े हुए हैं. शंघाई पोर्ट पर कर्मचारियों की संख्या कम हो गई है, जिससे सामान की डिलिवरी और लोडिंग में देरी हो रही है. इससे ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ने की आशंका है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर देरी होती है तो महंगाई बढ़ने का खतरा भी है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के शंघाई पोर्ट के बाहर 500 से ज्यादा जहाज फंसे हुए हैं. इन जहाजों में रखे कंटेनर को अनलोड करने में भी समय लग रहा है. बंदरगाह में काम बंद नहीं है, लेकिन कर्मचारियों की कमी होने से अनलोडिंग नहीं हो पा रही है और अगर अनलोड कर भी लिया जा रहा है तो उसे लाने-ले जाने के लिए ट्रक ड्राइवर नहीं हैं. हालांकि, इन सबके बावजूद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लॉकडाउन में जरा सी भी ढील देने को राजी नहीं हैं.
शंघाई पोर्ट दुनिया का सबसे व्यस्ततम बंदरगाह है. यहां हर साल करीब 4 से 5 करोड़ कंटेनर को हैंडल किया जाता है. लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से संकट बढ़ गया है. चीन पर तो इसका असर दिखने लगा है. वहां लोगों के पास खाने-पीने की कमी हो गई है. सुपरमार्केट में स्टॉक खत्म होता जा रहा है. कंपनियों ने भी प्रोडक्शन बंद कर दिया है, क्योंकि उनके पास जरूरी पार्ट्स नहीं पहुंच पा रहे हैं. टेस्ला ने 28 मार्च को ही शंघाई की अपनी फैक्ट्री में काम बंद कर दिया है.
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भारत पर भी पड़ेगा असर?

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