
वहशी जिसने धर्म के नाम पर महिलाओं-बच्चियों का शोषण करने के लिए पार की हदें...
AajTak
टीबी जोशुआ, जिन्होंने सिनेगॉग चर्च ऑफ ऑल नेशंस की शुरुआत की, ने कथित तौर पर नाइजीरिया के एक परिसर में अपने फॉलोवर्स लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया और शारीरिक शोषण समेत ऐसी तमाम यातनाएं दी, जो सोच और कल्पना के परे हैं.
धर्म की ये विशेषता है कि वो हमें सही रास्ते पर चलना सिखाता है. मगर दिक्कत तब है, जब धर्म का ठेकेदार कोई ऐसा बन जाए. जो न केवल भ्रष्ट हो. बल्कि जिसका आचरण भी ख़राब हो. ऐसी स्थिति में क्या होता है नाइजीरिया के एक पादरी से जुड़े मामले से समझिये. एक जांच में पाया गया है कि एक धार्मिक 'पंथ' के प्रमुख ने ब्रितानियों सहित अपने विशाल चर्च में शामिल होने वाले लोगों के साथ 'बलात्कार किया और उन्हें प्रताड़ित' किया.
नाइजीरिया के दिवंगत टीबी जोशुआ, जिन्होंने सिनेगॉग चर्च ऑफ ऑल नेशंस की शुरुआत की, ने कथित तौर पर लगभग 20 वर्षों तक एक गुप्त लागोस परिसर में लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया. मामले की जांच बीबीसी ने की है जिसे चर्च में जबरन गर्भपात के सबूत मिले.
इस मामले में उन गवाहों से भी बात की, जिनका कहना है कि उन्होंने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और लोगों को कोड़े मारे जाने और जंजीरों से बांधे जाने की घटनाएं देखी हैं.
इस पादरी के मद्देनजर कुछ सबूत ऐसे भी मिले हैं जिनमें कहा गया है कि, बेहद लोकप्रिय और प्रभावशाली जोशुआ ने अपने 'चमत्कारिक उपचार' का भी दिखावा किया और ऐसा स्वांग रचा जिसका मकसद भोले भाले अनुयायियों को मूर्ख बनाना था.
राय नाम की एक 21 साल की ब्रिटिश युवती जो 2002 में ब्राइटन विश्वविद्यालय में अपनी डिग्री छोड़ चर्च में भर्ती हुई और जिसने 12 साल 'शिष्य' के रूप में बिताए. उसने चर्च और पादरी को लेकर कई अहम खुलासे किये हैं और बताया है कि हम सभी सोचते थे कि हम स्वर्ग में हैं, लेकिन हम नरक में थे और नरक में भयानक चीजें होती हैं.
राय ने ये भी बताया कि जोशुआ ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. बाद में उसे एक एकांत कारावास में भी डाला गया जहां उसने आत्महत्याके प्रयास किये.

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









