
'लोग खून से लथपथ पड़े थे...', स्वीडन के स्कूल में हुई फायरिंग से बचकर निकली युवती ने बयां किया मंजर
AajTak
स्वीडिश पुलिस ने बताया कि एक स्कूल में हुई गोलीबारी में करीब 10 लोग मारे गए हैं. यह स्वीडन में हुआ सबसे घातक हमला है. प्रधानमंत्री ने इसे देश के लिए दुखद दिन बताया. हमलावर सीरियाई मूल का बताया जा रहा है. हमलावर का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है.
स्वीडन के ऑरेब्रो में मंगलवार को हुए एक हमले में कई लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. स्वीडिश पुलिस ने बताया कि एक स्कूल में हुई गोलीबारी में करीब 10 लोग मारे गए हैं. यह स्वीडन में हुआ सबसे घातक हमला है. प्रधानमंत्री ने इसे देश के लिए दुखद दिन बताया. हमलावर सीरियाई मूल का बताया जा रहा है. हमलावर का मकसद अभी पता नहीं चल पाया है. माना जा रहा है कि मृतकों में हमलावर भी शामिल है, जिसने आत्महत्या कर ली.
स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने कहा, "यह स्वीडन की विरासत में मिली समस्या है. वे बहुत लंबे समय से विकसित हो रहे हैं. हिंसा की लहर पर हमारा नियंत्रण नहीं है, यह बिल्कुल स्पष्ट है."
इस बीच इस हमले की प्रत्यक्षदर्शी का बयान भी सामने आया है, जो खुद इस घातक हमले से बचकर निकली है. जब गोलीबारी हुई, तब स्कूल में मौजूद एक युवती ने घटना के बारे में बताया, "मेरे बगल में बैठे एक व्यक्ति के कंधे में गोली लगी थी. उसका बहुत खून बह रहा था. मैंने और मेरे दोस्त ने घायल व्यक्ति की जान बचाने की कोशिश की, क्योंकि एंबुलेंस और पुलिस तब तक नहीं पहुंची थी."
उसने बताया, "मेरे बगल में बैठे एक व्यक्ति को कंधे में गोली लगी थी. उसका बहुत खून बह रहा था. जब मैंने पीछे देखा तो मैंने देखा कि फर्श पर तीन लोग खून से लथपथ पड़े थे. हर कोई हैरान था. लोग चिल्ला रहे थे, बाहर निकलो-बाहर निकलो. मैंने और मेरे दोस्त ने घायल व्यक्ति की जान बचाने की कोशिश की. पुलिस मौके पर नहीं थी और न ही एम्बुलेंस. इसलिए हमें मदद करनी पड़ी. मैंने अपने दोस्त की शॉल ली और उसे उसके कंधे पर कसकर बाँध दिया ताकि उसका खून ज़्यादा न बहे."
यूरोप में सबसे अधिक हिंसा स्वीडन में
बता दें कि स्वीडन में 2023 में प्रति व्यक्ति क्रूर बंदूक हिंसा की दर यूरोपीय संघ में सबसे अधिक है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के आखिरी महीने में स्वीडन में 40 लोगों की गोली मारकर हत्या की गई है. यह संख्या मात्र 10 मिलियन की आबादी वाले यूरोपीय देश के लिए एक भयावह संख्या है. स्वीडन में गिरोह कोई नई बात नहीं है. 90 के दशक से ही लॉस बैंडिडोस और हेल्स एंजल्स जैसे गिरोहों के बीच हिंसक प्रतिद्वंद्विता देखी गई है. इन गिरोहों को उनके सदस्यों के धूप के चश्मे, चमड़े की जैकेट और हार्ले-डेविडसन मोटरसाइकिलों के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है.

सीरिया में तख्तापलट होने के बाद राष्ट्रपति डॉ बशर अल असद रातोरात मॉस्को भाग गए थे. 60 साल के पूर्व राष्ट्रपति असद तन्हाई के दिनों एक बार फिर से स्टूडेंट बन गए हैं और रूस के मेडिकल कॉलेज में आंखों के बारे में पढ़ रहे हैं. खबर है कि पुतिन ने उन्हें रूस में रहने की इजाजत तो दे दी है लेकिन उन्हें राजनीतिक गतिविधि के लिए एकदम इजाजत नहीं है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक नई घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सात और देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने अब कुल 30 से ज्यादा देशों पर पूर्ण या आंशिक रोक लगा दी है. प्रशासन का तर्क है कि ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा, कमजोर जांच प्रणाली और वीजा ओवरस्टे को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह पैगंबर मोहम्मद साहब की 41वीं पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जबकि क्राउन प्रिंस हुसैन बिन अब्दुल्ला उनकी 42वीं पीढ़ी के सीधे वंशज हैं. जॉर्डन का शाही परिवार आधुनिक सोच और पश्चिमी जीवनशैली को अपनाता है. महारानी रानिया और राजकुमारी रज़वा अक्सर पश्चिमी कपड़ों में दिखती हैं और हिजाब-बुर्के से दूरी बनाए रखती हैं.










