
यूक्रेन से अगवा हुए बच्चों का रूसीकरण, मॉस्को पर आरोप, क्या वाकई कैंप में रखकर मासूमों का हो रहा ब्रेनवॉश?
AajTak
युद्ध के दौरान रूस पर लगे कई गंभीर आरोपों में एक ये भी है कि वो यूक्रेनी बच्चों का अपहरण करके उन्हें रुसीफाई कर रहा है, यानी उन्हें ऐसी एजुकेशन दे रहा है जिससे उनका रूसीकरण हो जाए और वे अपनी असल पहचान भूल जाएं. इसके लिए सैकड़ों कैंप बने हैं, जहां बच्चों को सैन्य ट्रेनिंग भी मिल रही है.
हाल में यूएन की जनरल असेंबली ने एक आपात सत्र बुलाते हुए रूस से उन सभी यूक्रेनी बच्चों को तुरंत लौटाने की मांग की, जिनका कथित तौर पर मॉस्को जबरन रूसीकरण कर रहा है. रिपोर्ट्स ये तक कहती हैं कि युद्ध के दौरान कीव से अपहृत किए गए कई बच्चे रूस के मित्र देशों तक भेजे जा रहे हैं.
रूस और यूक्रेन जंग को चार साल होने को हैं. इस दौरान कई देशों में लड़ाइयां छिड़कर रुक भी गईं, लेकिन ये दोनों नहीं रुके. यूक्रेन को यूरोप समेत अमेरिका का भी आधा-अधूरा साथ मिला हुआ है. इस बीच रूस पर आरोप लगने लगा कि उसकी उग्रता सैनिकों तक सीमित नहीं, बल्कि वो यूक्रेनी बच्चों का भी अपहरण कर रहा है. मॉस्को में उनका कथित तौर पर री-एजुकेशन हो रहा है, यानी यूक्रेन को बिसराकर रूस को अपनाने की प्रोसेस.
क्या है रूसीकरण करने का अर्थ
यूक्रेनी बच्चों को रूसीफाई करने का मतलब है, यूक्रेनी पहचान से दूर कर उन्हें रूसी भाषा और कल्चर सिखाना और उसी रंग में ढाल देना. जिन यूक्रेनी बच्चों को रूस या रूसी-नियंत्रित इलाकों में ले जाया गया, वहां कथित तौर पर उन्हें यूक्रेनी भाषा में बात करने से रोकते हुए रूसी में पढ़ाई शुरू करवा दी गई. कई मामलों में ये तक कहा गया कि रूस और यूक्रेन एक ही देश हैं. कुछ बच्चों को रूसी परिवारों में गोद दे दिया गया, जिससे उनका नाम, नागरिकता और भविष्य सब बदल गया.
यूएन की जनरल असेंबली ने कुछ रोज पहले बुलाई एक बैठक में रूस से मांग की, कि वो उन सारे यूक्रेनी बच्चों को तुरंत और बिना शर्त वापस लौटाए, जो युद्ध के समय से जबरन उठाकर अज्ञात जगहों पर भेज दिए गए. यूएन का आरोप है कि अभी से नहीं, रूस ये काम साल 2014 से कर रहा है, जब उसने क्रीमिया पर कब्जा किया था. इसी दौरान कथित तौर पर बहुत से यूक्रेनी बच्चे वहां से डिपोर्ट करते हुए रूस के अलग-अलग हिस्सों में भेज दिए गए, जहां कैंप्स में रखकर उन्हें बदला जा रहा है.
रिपोर्ट में खौफनाक दावे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक नई घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सात और देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने अब कुल 30 से ज्यादा देशों पर पूर्ण या आंशिक रोक लगा दी है. प्रशासन का तर्क है कि ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा, कमजोर जांच प्रणाली और वीजा ओवरस्टे को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह पैगंबर मोहम्मद साहब की 41वीं पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जबकि क्राउन प्रिंस हुसैन बिन अब्दुल्ला उनकी 42वीं पीढ़ी के सीधे वंशज हैं. जॉर्डन का शाही परिवार आधुनिक सोच और पश्चिमी जीवनशैली को अपनाता है. महारानी रानिया और राजकुमारी रज़वा अक्सर पश्चिमी कपड़ों में दिखती हैं और हिजाब-बुर्के से दूरी बनाए रखती हैं.

डोनाल्ड ट्रंप की इस चेतावनी ने वैश्विक स्तर पर तीसरे विश्व युद्ध को लेकर नयी बहस को जन्म दिया है. ट्रंप का मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध किसी भी समय एक बड़े वैश्विक संघर्ष का रूप ले सकता है. इस खतरे को देखते हुए दुनिया के कई प्रमुख रक्षा विशेषज्ञ भी इसे गंभीर मान रहे हैं. इस स्थिति ने चिंता बढ़ा दी है कि पूरी दुनिया महायुद्ध की चपेट में आ सकती है.










