
लहसुन सब्जी है या मसाला? इंदौर हाईकोर्ट ने दिया ये फैसला, 9 साल से जारी थी कानून लड़ाई, समझिए पूरा मामला
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लहसुन को लेकर पिछले 9 साल से कानूनी लड़ाई चल रही थी. दोनों पक्षकार तय करना चाहते थे कि आखिर लहसुन सब्जी है या मसाला. इसके बाद अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला देते हुए लहसुन को सब्जी करार दिया है. हालांकि, इसे मसालों के बाजार में भी बेचा जा सकेगा.
लहसुन को रसोई का खास घटक माना जाता है. मसालेदार सब्जियां बनाने में इसका इस्तेमाल जरूर किया जाता है. लेकिन लहसुन आखिर है क्या? क्या वह सब्जी है या फिर मसाला. यह सवाल इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने इसे लेकर अहम फैसला सुनाया है.
दरअसल, किसानों के एक संगठन के अनुरोध पर मध्य प्रदेश मंडी बोर्ड ने 2015 में लहसुन को सब्जी की श्रेणी में शामिल कर लिया था. हालांकि, इसके तुरंत बाद कृषि विभाग ने उस आदेश को रद्द कर दिया और कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम (1972) का हवाला देते हुए उसे मसाले की श्रेणी में डाल दिया.
2017 के आदेश को रखा बरकरार
अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने लहसुन को फिर सब्जी की श्रेणी में डाल दिया है. जस्टिस एसए धर्माधिकारी और डी वेंकटरमन की खंडपीठ ने 2017 के आदेश के उस को बरकरार रखा, जिसमें कहा गया है कि लहसुन जल्दी खराब होने वाला है और इसलिए यह एक सब्जी है.
दोनों बाजारों में बेच सकते हैं किसान अदालत ने फैसले में यह भी कहा कि लहसुन को सब्जी और मसाला दोनों बाजारों में बेचा जा सकता है. इससे व्यापार पर लगे प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे और किसानों और विक्रेताओं दोनों को फायदा होगा. कोर्ट के इस फैसले का असर मध्य प्रदेश के हजारों कमीशन एजेंटों पर भी पड़ेगा.
सालों से कोर्ट में लटका था केस

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