
महिलाओं के साथ ज्यादती, सड़कों पर बिखरी लाशें, असद समर्थकों का कत्लेआम.. सीरिया में नहीं रुक रही हिंसा
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सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, सीरियाई सुरक्षाबलों ने 6 से 10 मार्च के बीच 973 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. पिछले साल दिसंबर में तख्तापलट के बाद बशर अल असद देश छोड़कर रूस भाग गए थे.
सीरिया के लताकिया और तारतूस में सुरक्षाबलों और असद समर्थक अलावी समुदाय के बीच जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही. छह से 10 मार्च के बीच इस हिंसा में अब तक 1000 लोगों की मौत हो गई है. इन इलाकों में 72 घंटों से पानी और बिजली की सप्लाई पूरी तरह से बंद है. मौतों के इस आंकड़ें को 2011 के गृहयुद्ध के बाद से सबसे ज्यादा माना जा रहा है.
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, सीरियाई सुरक्षाबलों ने 6 से 10 मार्च के बीच 1,018 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है. पिछले साल दिसंबर में तख्तापलट के बाद बशर अल असद देश छोड़कर रूस भाग गए थे. इसके बाद सीरिया की सत्ता पर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का कब्जा है. एचटीएस के लड़ाके अब सीरियाई सेना का हिस्सा है.
सीरियाई सरकार का कहना है कि बशर अल असद के वफादार लड़ाकों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया है, जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई. वहीं, असद के लड़ाकों ने सुरक्षाबलों पर रिहाइशी इलाकों में बमबारी करने का आरोप लगाया है. कहा जा रहा है कि स्थिति उस समय बिगड़ गई, जब सुरक्षाबलों ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने की कोशिश की, जिसके बाद सरकार ने लटाकिया और टार्टस में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती की और कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, चुन-चुनकर अलावी समुदाय के लोगों को मारा जा रहा है. आलम ये है कि सड़कें लाशों से पटी पड़ी हैं. इस समुदाय की महिलाओं को भी निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाने के आरोप लग रहे हैं.
बशर अल-असद के वफादार क्यों हैं अलावी?
अलावी समुदाय बड़े पैमाने पर बशर अल-असद के समर्थन हैं. इसका प्रमुख कारण ये है कि असद खुद अलावी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता ने सत्ता संभालते ही सरकारी और सैन्य पदों पर बड़ी संख्या में अलावियों को अपॉइंट किया था. उन्हें सत्ता और रिसोर्सेज में सीधा और मोटा हिस्सा मिलने लगा, जबकि उनकी आबादी करीब 12 फीसदी ही है, वहीं सुन्नी जनसंख्या 74 प्रतिशत है.

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