
फिलिस्तीनियों को भेजना है तो इजरायल में..., ट्रंप के गाजा पर कब्जे वाले बयान पर भड़के मुस्लिम देश
AajTak
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात के बाद कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और उसके विकास के लिए काम करेगा. डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान पर मुस्लिम देशों और संगठनों ने नाराजगी जताई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई. ट्रंप और नेतन्याहू की बैठक के बाद दोनों नेताओं की ओर से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस दौरान ट्रंप ने कहा कि, हम चाहते हैं कि अमेरिका गाजा पट्टी का स्वामित्व लेकर उसका विकास करे. ट्रंप ने कहा कि, अमेरिका फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और इसका विकास करेगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, "हम गाजा पर अपना अधिकार जताएंगे और साइट पर मौजूद सभी खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी लेंगे. हम नष्ट हो चुकी इमारतों को गिरा देंगे और एक ऐसा आर्थिक विकास करेंगे जो क्षेत्र के लोगों को असीमित संख्या में नौकरियां और आवास प्रदान करेगा."
बयान में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी को खाली करना होगा. उन्हें मिस्र, जॉर्डन और अन्य देशों में स्थाई तौर पर बस जाना चाहिए. अब गाजा रहने लायक नहीं रहा. मैंने सुना है कि गाजा उनके लिए बदकिस्मत है. वे वहां नरक की तरह रहते हैं. वे नरक में रह रहे हैं. गाजा के भविष्य में फिलिस्तीनी नहीं हैं. उन्हें किसी अच्छी जगह पर चले जाना चाहिए.
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया. इससे पहले भी ट्रंप राष्ट्रपति बनने से पहले गाजा के लोगों को दूसरे देशों में बसाने की बात कर चुके हैं. हालांकि, गाजा को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का बयान फिलिस्तीनी प्रशासन समेत कई मुस्लिम देशों को रास नहीं आया है.
वैश्विक नेताओं को गाजा के लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए
यूएन में फिलिस्तीनी प्रतिनिधि रियाद मंसूर ने कहा कि फिलिस्तीनियों को दूसरे देशों में बसाने से ज्यादा ठीक है कि उन्हें इजरायल में उनके घरों में फिर बसा दिया जाए. रियाद मंसूर ने कहा कि, "जो गाजा के लोगों को अच्छी जगह भेजना चाहते हैं, वह उन्हें इजरायल में उनके असली घरों में वापस भिजवा दें, वहां कई अच्छी जगह हैं और गाजा के लोग वहां वापस जाकर काफी खुश होंगे."

डोनाल्ड ट्रंप की इस चेतावनी ने वैश्विक स्तर पर तीसरे विश्व युद्ध को लेकर नयी बहस को जन्म दिया है. ट्रंप का मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध किसी भी समय एक बड़े वैश्विक संघर्ष का रूप ले सकता है. इस खतरे को देखते हुए दुनिया के कई प्रमुख रक्षा विशेषज्ञ भी इसे गंभीर मान रहे हैं. इस स्थिति ने चिंता बढ़ा दी है कि पूरी दुनिया महायुद्ध की चपेट में आ सकती है.

यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने दावा किया है कि उनके अंडरवाटर ड्रोन 'सब सी बेबी' ने रूस की किलो-क्लास पनडुब्बी को ब्लैक सी के नोवोरोस्सियस्क बंदरगाह पर नष्ट कर दिया है. एसबीयू ने दावा किया कि ये हमला यूक्रेन के लिए नौसैनिक युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है. पनडुब्बी का इस्तेमाल रूस द्वारा यूक्रेनी शहरों पर क्रूज मिसाइल हमले करने के लिए किया जा रहा था. हालांकि, रूस ने इस दावे को खारिज कर दिया है.

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए आतंकवादी हमले ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस हमले को पाकिस्तानी मूल के 50 वर्षीय साजिद अकरम और उनके 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम ने अंजाम दिया. दोनों ने यहूदी समुदाय के एक वार्षिक त्योहार के दौरान लगभग 10 मिनट तक अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें करीब 50 से ज्यादा गोलियां दागी गईं. यह घटना पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की याद दिलाती है, जहां धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया गया था. जांच में यह भी सामने आया कि साजिद अकरम ऑस्ट्रेलिया में कई वर्षों से रह रहे थे और वे एक गन क्लब के सदस्य भी थे, जबकि उनके बेटे नवीद पर कट्टरपंथ का प्रभाव अधिक था. यह घटना ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है.










