
बॉन्डी शूटिंग: एक दूसरे की बाहों में तोड़ा दम… आतंकी साजिद की बंदूक छीनने वाले जोड़े बोरिस और सोफिया की कहानी
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ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने 15 लोगों की जान भले ही ले ली. लेकिन इस घटना ने आतंक से पीड़ित दुनिया को सोफिया-बोरिस, रूवेन मॉरिसन, अहमद अल अहमद जैसे नायक दिए हैं. इन हीरो ने सीने पर गोलिया खाईं लेकिन मानवता के सामने दहशतगर्दों के मुकाम को बौना कर दिया.
हाथों से बना इस्लामिक स्टेट का झंडा सिल्वर कलर की कार पर लिपटा हुआ था.
ये कार फुटब्रिज के पास पार्क की गई थी. जहां हर दिन हजारों लोग कैंपबेल परेड से बॉन्डी बीच तक जाते हैं. इस खतरनाक संकेत को बोरिस और सोफिया गुरमन ने पहचान लिया था. बोरिस और सोफिया जिंदगी के दूसरे फिफ्टी में प्रवेश कर चुके थे और अच्छी एक आम यहूदी की तरफ नॉर्थ बॉन्डी में जीवन गुजार रहे थे. इन लोगों ने लोगों ने ऑस्ट्रेलिया के सबसे खतरनाक आतंकवादी हमलों में से एक को रोकने की कोशिश की.
आतंक और नफरत को इन्होंने आमने-सामने चुनौती दी और इस दिलेर जोड़े को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. उन्होंने आतंक से लड़ते हुए मौत का आलिंगन किया, एक दूसरे की बाहों में लेकिन अपने समाज और समकालीन दुनिया को टेरर के खिलाफ संघर्ष का संदेश दे गए.
बोरिस और सोफिया की बहादुरी की कहानी को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने पाठकों के सामने गुस्से और गम के मिश्रित भाव से परोसा है.
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने इस रूसी यहूदी जोड़े की कहानी को रिपोर्ट किया है.
The world needs to know the names of the heroic victims BORIS GURMAN, 69, and his wife SOFIA GURMAN, 61 of blessed memory. They bravely confronted the terrorist Sajid Akram, 50, and tried to prevent him from opening fire at the Sydney Chanukah celebration. Viral footage… pic.twitter.com/QmcaqHF6vx

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