पशुपति पारस बनेंगे LJP के अध्यक्ष? आज पटना में ऐलान संभव
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लोक जनशक्ति पार्टी में इस वक्त वर्चस्व की जंग चल रही है. पशुपति पारस और चिराग पासवान के गुट आमने-सामने हैं. इस बीच अब राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर घमासान छिड़ा है. गुरुवार को पशुपति पारस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं.
बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से लगातार हलचल जारी है. लोक जनशक्ति पार्टी में इस वक्त वर्चस्व की जंग चल रही है. पशुपति पारस और चिराग पासवान के गुट आमने-सामने हैं. इस बीच अब राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर घमासान छिड़ा है. गुरुवार को पशुपति पारस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं. नामांकन के बाद दोपहर तीन बजे तक उनके नाम का ऐलान किया जा सकता है. बीते दिन ही पशुपति पारस पटना पहुंचे थे, जहां समर्थकों ने उनका स्वागत किया. वहीं, दूसरी ओर चिराग पासवान ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया था कि अभी भी पार्टी के वही अध्यक्ष हैं और पार्टी के संविधान के मुताबित, पशुपति पारस को कोई फैसला या बैठक करने का अधिकार नहीं है. जिस रास्ते चल पड़ा, अब वापसी मुश्किल नहीं: पशुपति पारस चाचा और भतीजे के बीच छिड़ी जंग कब और कैसे खत्म होगी ये साफ नहीं है. लेकिन पशुपति पारस ने साफ कह दिया है कि अब उनकी वापसी मुश्किल है. लोक जनशक्ति पार्टी संसदीय दल के नेता पशुपति पारस ने कहा है कि अब जिस रास्ते पर चल पड़े हैं, उससे पीछे वापस आने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. आपको बता दें कि पशुपति पारस समेत कुल पांच सांसदों ने अलग रुख अपना लिया है. पांचों की ओर से पशुपति पारस को संसदीय दल का नेता चुना गया है, जिसे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी दी है. हालांकि, चिराग पासवान ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ किया कि पार्टी का अध्यक्ष ही संसदीय दल का नेता चुन सकता है. ऐसे में सभी फैसले गलत हैं. चिराग पासवान का कहना है कि पहले वह लड़ाई को घर में सुलझाना चाहते थे, लेकिन अब कानूनी जंग लड़ने के लिए भी तैयार हैं.मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों के दौरान दिल्ली के अलग-अलग इलाकों समेत आसपास के जिलों में हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है. राजधानी में अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. बुधवार को ह्यूमिडिटी 22 प्रतिशत से 33 प्रतिशत के बीच रही.
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