
तहव्वुर राणा की टेरर स्टोरी के टॉप किरदार... ताज में हेडली, हाफिज से वैचारिक खुराक, 'चचा लखवी' से कसाब को कमांड
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भारत पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक 26/11 मुंबई अटैक की कहानी इतनी आसान नहीं है. 64 साल का टेररिस्ट तहव्वुर राणा मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तो है लेकिन इस आपराधिक गठजोड़ का असली सिरा पाकिस्तान जाता है जहां रावलपिंडी-कराची में बैठे ISI का नफरती अफसर मेजर इकबाल इस अटैक की स्क्रिप्ट लिख रहा था, तो हाफिज सईद जेहाद के नाम पर नए-नए रंगरूटों को वैचारिक खुराक दे रहा था.
कौन इनकार करेगा कि कानून के हाथ नहीं लंबे होते हैं? मुंबई में 26/11 को हुए स्तब्धकारी आतंकी हमले का एक बड़ा किरदार भारत सरकार के शिकंजे में है. NIA के अफसरों ने जब इस अटैक की फाइलें खोलीं तो कड़ियां उन दरिंदों तक गई जो पाकिस्तान में इज्जत की चादर ओढ़कर मजहब के नाम पर जिहाद की फैक्टरी चला रहे थे. पाकिस्तानी की एजेंसी ISI इन्हें पाल पोस रही था और दुनिया के सामने अमनपसंद पाकिस्तानी मौलवी- मुल्ला का तमगा दे रही थी. NIA की जांच आगे बढ़ी तो इस हमले में नाम आया- आतंकी संगठन लश्कर-ए-तौयबा और हूजी के सदर हाफिज मुहम्मद सईद, जकी उर रहमान लखवी, इलियास कश्मीरी और मेजर अब्दुर्रहमान उर्फ पाशा का.
भारत पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक मुंबई अटैक की कहानी इतनी आसान नहीं है. 64 साल का पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक और वहशी टेररिस्ट तहव्वुर राणा मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तो है लेकिन इस आपराधिक गठजोड़ का असली सिरा पाकिस्तान जाता है जहां रावलपिंडी में बैठे ISI के नफरती अफसर इस अटैक की स्क्रिप्ट लिख रहे थे.
अब सालों के कानूनी प्रयासों और कूटनीतिक एगेंजमेंट के बाद आतंकी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है. मुंबई हमला 2008 में 26 नंवबर को हुआ था. इस हमले में में अमेरिकी, इजरायली नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए और 238 से अधिक घायल हुए थे.
इस मामले में भारत की प्रीमियम जांच संस्था राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 11 नवंबर 2009 को केस दर्ज किया था. आतंकी तहव्वुर राणा, डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी और लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहादी-इस्लामी (HUJI) के आतंकियों के साथ मिलकर मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रची थी.
भारत सरकार ने लश्कर-ए-तैयबा और HUJI को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत आतंकी संगठन घोषित कर रखा है.
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा 26/11 अटैक केस में तीसरा वो शख्स है जिसे भारत की न्यायपालिका के सामने प्रस्तुत किया गया है और उसे अपने गुनाहों की सजा देने के लिए निष्पक्ष, संतुलित और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है. इससे पहले इस केस में आतंकी कसाब को मौत की सजा दी जा चुकी है और भारत के जेल में बंद अबु जुंदाल कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है.

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