
टैरो राशिफल 28 फरवरी 2024: मीन राशि वाले शुरू कर सकते हैं कोई नया व्यवसाय, प्रेम संबंध में आएगी मधुरता
AajTak
tarot horoscope 28 February: आप लोगों की आलोचना करना कम कर देंगे. उनके साथ अच्छा व्यवहार करेंगे लोग आपके इस बदले हुए रूप से बहुत प्रसन्न होंगे. आपके परिजन, आपके मित्र आपके बदले हुए व्यवहार की तारीफ करेंगे.
मीन (Pisces):- Cards:-Nine of Cups
आपकी कोई महत्वाकांक्षा पूर्ण होने जा रही है. इस महत्वाकांक्षा का आपने काफी लंबे समय इंतजार किया है और इसको पूरे करने के लिए आपने बहुत प्रयास किए हैं. कोई नया रिश्ता ,नौकरी की सूचना और किसी नए व्यवसाय का अवसर आपके जीवन में प्रवेश करने वाला है. आने वाला समय आपके लिए बहुत अनुकूल रहेगा. आप जिस भी कार्य को शुरू करने की सोचेंगे वह कार्य आसानी से शुरू हो सकेगा. आपका जीवन देखने का नजरिया बदल जाएगा. अभी तक आप चीजों को परखते वक्त उनमें बहुत नफा नुकसान देखते थे. अब आप चीजों को परखते वक्त उनमें पाए जाने वाली अच्छी बातों को पहले देखेंगे.
आप लोगों की आलोचना करना कम कर देंगे. उनके साथ अच्छा व्यवहार करेंगे लोग आपके इस बदले हुए रूप से बहुत प्रसन्न होंगे. आपके परिजन, आपके मित्र आपके बदले हुए व्यवहार की तारीफ करेंगे. आप भी खुश होंगे कि थोड़े से परिवर्तन करके अपने लोगों को कितना प्रभावित कर दिया. आपका प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी. वैवाहिक जीवन भी अच्छा रहेगा. विवाह संबंधी कोई प्रस्ताव आपके जीवन में आ सकता है. ये प्रस्ताव आप दोनों की उन्नति के लिए बेहतर रहेगा। मित्रों के साथ किसी आनंदमय यात्रा पर जाने की योजना बना सकते हैं. परिजनों के साथ समय व्यतीत करेंगे. ईर्ष्या ,द्वेष ,जलन यह सब चीज आपको नकारात्मक विचारों की तरफ लेकर जाती है.

Surya Mangal Yuti 2025: 16 दिसंबर को धनु राशि में बनेगी सूर्य-मंगल की युति, इन राशियों को होगा फायदा
Surya Mangal Yuti 2025: धनु राशि में बन रही सूर्य-मंगल की शक्तिशाली युति कई राशियों के जीवन में नई ऊर्जा, बदलाव और नए अवसर लेकर आ रही है. करियर, धन, रिश्ते और आत्मविश्वास से जुड़े मामलों में भी बड़ा सुधार देखने को मिल सकता है.

क्या आपने कभी गौर किया है कि दुनिया का कोई भी बड़ा नेता-चाहे वह अमेरिकी राष्ट्रपति हो या फ्रांस का प्रमुख भारत पहुंचते ही सबसे पहले हैदराबाद हाउस ही क्यों जाता है? इसकी वजह सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक ऐसा शाही अतीत है जिसमें निजाम की रईसी, ब्रिटिश दौर की राजनीतिक जटिलताएं और आजादी के बाद भारत की उभरती कूटनीतिक पहचान तीनों के निशान गहराई से दर्ज हैं.











