
गंभीर बीमारियों से बचा सकता है एडल्ट वैक्सीनेशन, जागरूकता फैलाने के लिए Apollo हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने किया डांस
AajTak
एडल्ट वैक्सीनेशन लोगों को कई तरह की बीमारियों से बचा सकता है. लेकिन इसकी जानकारी बड़ी संख्या में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को ही नहीं है, तो आम जानता की बात दूर की है. जागरूकता फैलाने के लिए डॉक्टरों ने डांस कैंपेन किया है.
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने एडल्ट वैक्सीनेशन के प्रति लोगों को शिक्षित करने के लिए हाल ही में एक बड़े डांस प्रोग्राम का आयोजन किया. डॉक्टरों ने इस बात की चिंता जताई कि बहुत ही कम लोग एडल्ट वैक्सीनेशन के बारे में जानते हैं.
अस्पताल में ईएनटी हेड, वरिष्ठ सलाहकार और रोबोटिक सर्जन डॉक्टर कल्पना नागपाल ने कहा, 'मुझे एडल्ट वैक्सीनेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस पहले डांस कैंपेन की शुरुआत करते हुए खुशी हो रही है. बड़े स्तर पर रिसर्च और सर्वे करने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बड़ी संख्या में हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स ही एडल्ट वैक्सींस से अंजान हैं, तो आम जनता की बात तो दूर की है.'
उन्होंने कहा, 'इसी वजह से हमने न केवल लोगों को शिक्षित करने बल्कि एक मजेदार डांस के जरिए लीक से हटकर पहल की शुरुआत की है. शिक्षा और मनोरंजन को मिलाकर, हमारा उद्देश्य लोगों का ध्यान आकर्षित करना, जिज्ञासा बढ़ाना और आखिर में लोगों को अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए तैयार करना है.'
कई बीमारियों से बचा सकती है वैक्सीन
अस्पताल में सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर एमएस कंवर ने कहा, 'एडल्ट वैक्सीनेशन से कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है. न्यूमोकोकल वैक्सीन का ही उदाहरण ले लीजिए. ये फेफड़ों के बैक्टीरिया के इन्फेक्शन को रोक सकती हैं, जो न्यूमोकोकस के कारण होता है. न्यूमोकोकस की गंभीर बीमारी जैसे सेप्सिस, शॉक और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर को एंटीबॉडीज की वजह से न्यूमोकोकल वैक्सीन से रोका जा सकता है और ये एंटीबॉडीज बैक्टीरिया और एंटीजन को दबा देती हैं. न्यूमोकोकल की वैक्सीन पांच साल में एक बार लगाई जा सकती है.'
कई बीमारियों के लिए उपलब्ध हैं वैक्सीन

Polar Loop price in India: भारतीय बाजार में Polar ने अपना स्क्रीनलेस फिटनेस ट्रैकर लॉन्च कर दिया है. ये डिवाइस Whoop Band जैसे फीचर्स के साथ आता है. जहां Whoop Band के लिए यूजर्स को हर साल सब्सक्रिप्शन खरीदना होता है. वहीं Polar Loop के साथ ऐसा कुछ नहीं है. इस बैंड को यूज करने के लिए किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं होगी.

इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों पर मंडराता संकट शनिवार, 6 दिसंबर को भी खत्म नहीं हुआ और हालात लगातार पांचवें दिन बिगड़े रहे. देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. बीते चार दिनों से जारी इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा असर शुक्रवार को दिखा, जब 1,000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं, जबकि गुरुवार को करीब 550 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी थीं.

भारत और यूरोप के वर्क कल्चर में फर्क को जर्मनी में काम कर रहे भारतीय इंजीनियर कौस्तव बनर्जी ने 'जमीन-आसमान का अंतर] बताया है. उनके मुताबिक, भारत में काम का मतलब अक्सर सिर्फ लगातार दबाव, लंबे घंटे और बिना रुके डिलीवरी से जुड़ा होता है, जबकि जर्मनी और यूरोप में काम के साथ-साथ इंसान की जिंदगी को भी बराबर अहमियत दी जाती है.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संचालन शनिवार को भी पटरी पर नहीं लौट सका. संकट अब पांचवें दिन में पहुंच गया है और दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व चेन्नई एयरपोर्ट पर यात्री रातभर अपने उड़ानों का इंतजार करते नजर आए. पिछले चार दिनों में एयरलाइन को 2,000 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं, जिससे करीब तीन लाख से ज्यादा यात्रियों की यात्रा योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.









