
क्या स्लीपर सेल नेटवर्क बनाने की थी तैयारी, हापुड़-आगरा-मेरठ में रुकने का क्या मकसद? तहव्वुर राणा से NIA की पूछताछ में बाहर आ सकते हैं ये राज
AajTak
मुंबई हमले से ठीक पहले 13 नवंबर, 2008 से 21 नवंबर, 2008 के बीच तहव्वुर राणा ने भारत का दौरा किया था. समुंदर के रास्ते आए 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में 26 नवंबर, 2008 की शाम को 12 जगहों पर गोलीबारी और बम धमाके किए थे.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी आज 26/11 मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ताओं में शामिल आतंकी तहव्वुर राणा से लगातार दूसरे दिन पूछताछ कर रही है. कल पहले दौर में राणा से जांच एजेंसी के अफसरों ने करीब ढाई घंटे तक पूछताछ की थी. एनआईए राणा से उत्तर प्रदेश के हापुड़, आगरा, मेरठ और दिल्ली स्थित ठिकानों के बारे में भी सवाल करेगी. तहव्वुर राणा जब अपनी पत्नी के साथ भारत आया था तो इन इलाकों में ठहरा था. उसने मुंबई हमले से पहले कई अन्य लोकेशन की रेकी की थी. एनआईए की एक टीम आने वाले दिनों में तहव्वुर राणा को इन लोकेशन पर भी लेकर जा सकती है.
मुंबई हमले से ठीक पहले 13 नवंबर, 2008 से 21 नवंबर, 2008 के बीच तहव्वुर राणा ने भारत का दौरा किया था. समुंदर के रास्ते आए 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई में 26 नवंबर, 2008 की शाम को 12 जगहों पर गोलीबारी और बम धमाके किए थे. इनमें से आठ हमले दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल, ताज महल पैलेस एंड टॉवर होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस, मेट्रो सिनेमा, टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पीछे की गली में हुए. इसके अलावा, मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र मझगांव में और विले पार्ले में एक टैक्सी में विस्फोट हुआ था. तहव्वुर राणा ने किया था हापुड़, मेरठ और आगरा का दौरा
तहव्वुर राणा इन हमलों से पहले भारत आया था. उसने हापुड़ और आगरा में जिस महिला को अपनी पत्नी बताया था, क्या वास्तव में वह उसकी पत्नी थी या कोई अन्य संदिग्ध महिला, एनआईए इस सवाल का जवाब उससे जानना चाहेगी. क्या राणा भारत में स्लीपर सेल तैयार करने आया था? आखिर उसके पश्चिमी यूपी और दिल्ली आने के पीछे क्या वजह थी? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब राष्ट्रीय जांच एजेंसी तलाश रही है. मुंबई हमले से पहले डेविड कोलमैन हेडली, पाकिस्तानी सेना का अधिकारी मेजर इकबाल, साजिद और तहव्वुर राणा ने डेनमार्क में हमला करने के लिए 'मिकी माउस प्रोजेक्ट' नाम के ऑपरेशन की साजिश रची थी.
यह भी पढ़ें: 'भारत में कहां ठहरा, किन लोगों से मिला, कहां हुई मुलाकात...' NIA ने आतंकी तहव्वुर राणा से पूछे मुंबई हमले पर ये सवाल!
डेविड कोलमैन हेडली और ISI के बीच लिंक था तहव्वुर राणा एनआईए सूत्रों की मानें तो तहव्वुर राणा, डेविड कोलमैन हेडली और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के बीच लिंक का काम करता था. जब हेडली भारत में मुंबई हमले से पहले रेकी करने आया था, उस वक्त करीब 32 बार तहव्वुर राणा से उसकी बातचीत हुई थी. दूसरी बार भारत यात्रा के दौरान हेडली ने तहव्वुर राणा से 23 बार बातचीत की थी. तीसरी बार जब हेडली भारत आया था तो उसकी राणा से 40 बार मोबाइल से बातचीत हुई थी. चौथी बार जब हेडली भारत आया था, उस वक्त तहव्वुर राणा से उसने मोबाइल के माध्यम से कोई बातचीत नहीं की. पांचवीं बार जब वह भारत आया तो उसने 37 बार तहव्वुर राणा से मोबाइल पर बातचीत की थी. हेडली ने अपने छठवें भारत दौरे पर तहव्वुर राणा से 33 बार बात की थी. सातवीं बार हेडली भारत आया तो उसकी राणा से मोबाइल के माध्यम से कोई बातचीत नहीं हुई. आठवीं बार जब हेडली भारत आया था तो उसने 66 बार तहव्वुर राणा से मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया था.
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद सईद गिलानी उसका बचपन का दोस्त है. हेडली, एक अमेरिकी नागरिक है. उसकी मां अमेरिकी और पिता पाकिस्तानी थे. अमेरिकी अधिकारियों ने अक्टूबर 2009 में हेडली को शिकागो से गिरफ्तार किया था. अमेरिकी कोर्ट ने 24 जनवरी, 2013 को उसे मुंबई हमलों में शामिल होने का दोषी मानते हुए 35 साल जेल की सजा सुनाई थी. तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल कैडेट कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई की और पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में शामिल हुआ. हेडली भी अमेरिका शिफ्ट होने से पहले इसी स्कूल में 5 साल तक पढ़ा था.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.










