
Russia-Ukraine War: मारियुपोल की एक इमारत के बेसमेंट में मिलीं 200 लाशें
AajTak
मारियुपोल की इमारत के बेसमेंट में मलबा हटाते वक्त ये शव मिले हैं. बताया जा रहा है कि शव सड़ रहे थे. इनकी बदबू पड़ोस तक फैल रही थी. रूसी हमलों में यूक्रेन में अब तक 21000 लोगों की मौत हो चुकी है.
यूक्रेन पर रूस के हमले लगातार तीन महीने से जारी हैं. रूसी हमलों में यूक्रेन के कीव, मारियुपोल, खारकीव और सूमी समेत तमाम शहर तबाह हो चुके हैं. रूसी हमलों में हजारों लोगों की मौत हुई है. हालत ये है कि इमारतों के मलबों से लगातार शव मिल रहे हैं. मारियुपोल में एक अपार्टमेंट के बेसमेंट में खुदाई कर रहे मजदूरों को 200 शव मिले.
मारियुपोल के मेयर के सलाहकार पेट्रो एंड्रीशचेंको ने बताया कि ये शव सड़ रहे थे. इनकी बदबू पड़ोस में रहने वाले लोगों तक आ रही थी. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि ये कब मिले हैं. लेकिन जितनी बड़ी संख्या में शव मिले हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमला कितना भयावह होगा.
उधर, यूक्रेन के डोनबास में भी भारी लड़ाई जारी है. रूस की सेना शहर पर कब्जा करने की कोशिश में लगातार जुटी है. इससे पहले रूस की सेना ने थर्मल पावर वाले औद्योगिक शहर पर कब्जा कर लिया था. अब रूस ने सिवियर डोनेत्स्क समेत अन्य शहरों पर कब्जे की कोशिश को तेज कर दिया है. स्थानीय गवर्नर के मुताबिक, डोनबास के डोनेत्स्क क्षेत्र में रूसी हमले में 12 लोग मारे गए हैं. डोनबास के लुहान्स्क क्षेत्र के गवर्नर ने कहा कि यह क्षेत्र अपने सबसे कठिन समय का सामना कर रहा है.
लुहान्स्क क्षेत्र के गवर्नर ने टेलीग्राम पर लिखा, रूसी सेना एक ही समय में सभी दिशाओं में आगे बढ़ रही है. रूस ने बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों को तैनात कर रखा है. उन्होंने कहा, हमलावर हमारे लोगों को मार रहे हैं. वे हमारे चारों ओर तबाही मचा रहे हैं. गवर्नर ने कहा, लुहान्स्क मारियूपोल की तरह बन गया है.
लगभग तीन महीने की घेराबंदी के बाद मारियुपोल पूरी तरह से रूस के कब्जे में आ गया है. यहां हाल ही में एक स्टील प्लांट में 2,500 यूक्रेनी सैनिकों ने शरण ले रखी थी. लेकिन रूस की ओर से हुए लगातार हमलों के बाद समर्पण कर दिया था. यूक्रेन प्रशासन के मुताबिक, रूस के हमलों में 21000 लोगों की मौत हुई है. यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस मोबाइल श्मशान उपकरण लाकर और मृतकों को सामूहिक कब्रों में दफन करके भयावहता को छिपाने की कोशिश कर रहा है. मारियुपोल पर हमले के दौरान रूस की एयरस्ट्राइक में एक हॉस्पिटल और थिएटर तबाह हो गया था. इसमें लोगों ने शरण ले रखी थी. न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि थिएटर पर हमले में करीब 600 लोग मारे गए थे.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







