
Russia Ukraine conflict: 3 साल की जंग का हिसाब-किताब... 18% सिकुड़ गया यूक्रेन, रूस की आन-बान-शान पर भी लगा बट्टा!
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24 फरवरी 2022 को जब रूसी टैंकों का मुंह यूक्रेन की ओर खुला तो विध्वंस, तबाही और बर्बरता का सिलसिला शुरू हो गया. सवाल यह नहीं है कि इस जंग में कौन सही है कौन गलत? सवाल यह है कि इस युद्ध में अबतक हजारों लाखों लोग मारे गए हैं. बोरी भर भरकर डॉलर झोंका जा रहा है और जंग की आग को ईंधन दिया जा रहा है.
यूक्रेन के ओडेशा शहर में वाल्डा और कोस्टिन्टयन लिवारोव शादी और पोर्ट्रेट फ़ोटोग्राफ़र के रूप में काम करते थे. ये जंग से पहले की बात है. लेकिन 24 फरवरी 2022 को इस युगल की किस्मत बदल गई. यूक्रेन के युवाओं की प्रेम कहानियों को अपने कैमरे में कैद करने वाला ये फोटोग्राफर जोड़ा अब विध्वंस, मृत्यु और रुदन को अपने लेंस से दुनिया के सामने प्रस्तुत करते हैं.
बीबीसी के अनुसार वाल्डा को अपने नए काम के खतरे का एहसास था. लेकिन वो रूस की 'कारगुजारियों' को दुनिया के सामने पेश करना चाहती थी. 2023 में डोनेट्स्क क्षेत्र में एक फोटोग्राफी के दौरान एक ब्लास्ट हुआ और उसके छर्रे वाल्डा के शरीर में धंस गए.
डॉक्टरों ने कहा कि अब इसे हटाया नहीं जा सकता है. वाल्डा इस रूसी 'यादगार' को अपने जिस्म में समेटे रहती हैं और जंग से छलनी मानवता की तस्वीरें उतारती रहती हैं.
आगे बढ़ते हैं.रूस और यूक्रेन जंग की कई कहानियां मानवता, संस्कृति और भविष्य के लिए एक गहरा घाव हैं.
बाल अधिकारों पर काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी UNICEF की यूक्रेनी कर्मचारी नतालिया दातचेंको कहती हैं, "मैं रोने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन मैं खुद को रोक नहीं पा रही हूं. मुझे खुशी है कि मेरे पास टिश्यू पेपर हैं." वे तीन साल पहले हुए उन विस्फोटों को याद करते हुए अपने अपने आंसू नहीं रोक पा रही हैं, जिसे सुनकर कई यूक्रेनी नींद से जागे थे. जिन धमाकों ने रूसी हमले का ऐलान कर दिया था.
24 फरवरी 2022 से 24 जनवरी 2025. आज रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे हो गए. लगभग 1000 दिनों के इस जंग ने मानवता को गहरे जख्म, न भरने वाले घाव और कड़वी यादें दी हैं.

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