
PM मोदी आज उज्जैन में 'महाकाल लोक' का उद्घाटन करेंगे, जानिए मिनट-टू-मिनट पूरा कार्यक्रम
AajTak
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि 'महाकाल लोक' के उद्घाटन के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है. पीएम वे अपने काफिले के साथ महाकालेश्वर मंदिर परिसर में जाएंगे और 'पूजा' करेंगे. उसके बाद वह 'नंदी द्वार' जाएंगे और कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. जैसे ही वे कॉरिडोर से यात्रा करेंगे, बड़ी संख्या में कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मंगलवार को उज्जैन में 856 करोड़ रुपये की लागत से तैयार महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे. 'महाकाल लोक' के भव्य प्रवेश द्वार नंदी द्वार के नीचे 'मोली' (पवित्र) धागों से ढका एक बड़े आकार का 'शिवलिंग' रखा गया है. प्रधानमंत्री आधिकारिक तौर पर मेगा कॉरिडोर के उद्घाटन को प्रतीकात्मक रूप से 'शिवलिंग' का अनावरण करेंगे. इस कॉरिडोर के खुलने के बाद मध्य प्रदेश के इस पवित्र शहर में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
कॉरिडोर की लंबाई 900 मीटर से ज्यादा है. यहां 108 बलुआ पत्थर से तैयार स्तंभ बनाए गए हैं. इसके शीर्ष पर 'त्रिशूल' डिजाइन की गई है और भगवान शिव की 'मुद्रा' है. यहां देवता की कलात्मक मूर्तियों के साथ-साथ शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 53 प्रबुद्ध भित्ति चित्र भी हैं.
संस्कृति मंत्री ने महाकाल लोक का वीडियो शेयर किया
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जो शानदार ड्रोन के जरिए बनाया गया है. उन्होंने ट्वीट किया- 'जय महाकाल उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 11 अक्टूबर को करेंगे.' रेड्डी ने ट्विटर पर एक अन्य वीडियो भी शेयर किया, जिसमें कॉरिडोर की मूर्तियां, भित्ति चित्र और अन्य स्ट्रक्चर दिखाई दे रहे हैं.
उज्जैन में आयोजित किए जाएंगे विभिन्न कार्यक्रम
इससे पहले मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि 'महाकाल लोक' के उद्घाटन के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है. पीएम वे अपने काफिले के साथ महाकालेश्वर मंदिर परिसर में जाएंगे और 'पूजा' करेंगे. उसके बाद वह 'नंदी द्वार' जाएंगे और कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. जैसे ही वे कॉरिडोर से यात्रा करेंगे, बड़ी संख्या में कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







