Fact Check: क्या Mathura में हुआ Ayodhya दोहराने का प्रयास?
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बाबरी मस्जिद गिराए जाने की बरसी, यानि 6 दिसंबर को लोगों का ध्यान आमतौर पर अयोध्या पर होता है. लेकिन इस बार मथुरा में माहौल गर्म हो गया. कुछ हिंदू संगठनों ने घोषणा कर दी कि अब मथुरा की शाही ईदगाह में बाल गोपाल की मूर्ति स्थापित की जाएगी. हालांकि, सुरक्षा के कड़े इंतजामों की वजह से वहां कोई अनहोनी घटना नहीं हुई. लेकिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि 6 दिसंबर को सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बावजूद भीड़ ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और शाही ईदगाह में घुसने लगे. इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि जिस वीडियो को मथुरा का बताया जा रहा है वो दरअसल छत्तीसगढ़ के कोरबा का दो महीने पुराना वीडियो है.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
देश के ज्यादातर मैदानी इलाकों में पड़ रही प्रचंड गर्मी के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने बड़ा फैसला लिया है. LG ने निर्देश दिया है कि इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 बजे से लेकर 3 बजे तक काम से छुट्टी मिलेगी. साथ ही मजदूरों को मिलने वाली इस राहत के बदले कोई भी उनकी सैलरी नहीं काट सकेगा.
करीब सवा सौ गज के एक छोटे से मकान में यह अस्पताल चल रहा था. इस मकान की स्थिति ऐसी है कि वह किसी भी वक्त गिर सकता है. अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर ऑक्सीजन के सिलेंडर बिखरे मिले. इनमें से कुछ सिलेंडर के परखचे उड़े हुए थे, क्योंकि आग लगने के बाद इनमें विस्फोट हुआ था अस्पताल में लगी आग को भयावह रूप देने में इन ऑक्सीजन सिलेंडर ने भी मदद की.