Explainer: उलझे रिश्तों का ताना-बाना है शीना बोरा हत्याकांड, इंद्राणी मुखर्जी को ऐसे मिली जमानत
AajTak
उस दौर में इंद्राणी मुखर्जी ने पैसे, ग्लेमर और शोहरत की खातिर अपनी जिंदगी को ऐसा बना रखा था कि वो किसी को ये बताना भी मुनासिब नहीं समझती थी कि वो एक जवान बेटी और बेटे की मां है.
शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी साढ़े 6 साल बाद खुली हवा में सांस ले पाएंगी. देश की सबसे बड़ी अदालत ने बुधवार को इंद्राणी मुखर्जी की जमानत मंजूर कर ली. इस मामले में इंद्राणी पिछले कई साल से जमानत के लिए अपील कर रही थी. लेकिन हर बार उन्हें नाकामयाबी ही हाथ लगी. मगर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राणी को जमानत दे दी. आइए जानते हैं कि किस आधार पर मिली इंद्राणी मुखर्जी को जमानत.
इंद्राणी मुखर्जी को ऐसे मिली जमानत शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी और शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी को करीब साढ़े 6 साल बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई. हालांकि उनके पति और इस मामले में सह आरोपी रहे पीटर मुखर्जी को पहले ही जमानत मिल चुकी है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान इंद्राणी की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी अदालत में पेश हुए थे. उन्होंने कोर्ट में अपनी दलील रखते हुए कहा कि धारा 437 के तहत इंद्राणी मुखर्जी विशेष छूट की हकदार हैं. इस केस में पिछले 11 माह से कोई सुनवाई आगे नहीं बढ़ी है. इस मामले में 237 गवाह है, जिसमें से केवल 68 की जांच की गई है. इस केस में इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी को पहले ही जमानत मिल गई थी. इस केस में उनकी भूमिका बेहद सीमित थी. इस केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की गई थी और अब तक इंद्राणी का परोल भी नहीं हुआ है.
इस अदालत ने पूछा कि परोल क्यों नहीं हुआ. मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि उन्होंने परोल लिया ही नहीं. इस मामले में सरकारी वकील और बचाव पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस बी.आर. गवई ने यह कहकर इंद्राणी की जमानत मंजूर कर ली कि आरोपी साढ़े 6 साल से कत्ल के मामले में जेल में बंद है.
ज़रूर पढ़ें--- राजीव गांधी की हत्या में क्या था पेरारिवलन का रोल, पहले फांसी फिर उम्रकैद और अब रिहाई
नहीं हो पा रही थी सुनवाई जानकारी के मुताबिक यह मामला सीबीआई की विशेष अदालत में विचाराधीन था. लेकिन वहां पदस्थ तत्कालीन जज के तबादला हो जाने और कोरोना महामारी के चलते करीब 2 साल तक इस मामले में सुनवाई नहीं हो पा रही थी. यह मामला तभी से ठंडे बस्ते में पड़ा था. लेकिन अब जमानत को लेकर इंद्राणी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. जिस पर बुधवार को सुनवाई करने के बाद अदालत ने इंद्राणी की जमानत मंजूर कर ली.
परिवार का उलझा हुआ ताना-बाना शीना बोरा का जन्म साल 1989 में पश्चिम बंगाल के महानगर कोलकाता में हुआ था. शीना बोरा, इंद्राणी मुखर्जी और सिद्धार्थ दास की बेटी थी. वह मुंबई मेट्रो वन में काम करती थी. कहा जाता है कि कोई अन्य व्यक्ति शीना का पिता था. वर्ष 1992 में शीना की मां इंद्राणी उसे लेकर गुवाहाटी चली गई थी. जहां उसने अपने दोनों बच्चों शीना और मिखाइल को उपेंद्र कुमार बोरा और दुर्गा रानी की देखरेख में छोड़ दिया था. इसके बाद उसने संजीव खन्ना के साथ शादी कर ली थी. उन दोनों की एक बेटी विधि खन्ना है. जिसकी कस्टडी को लेकर इंद्राणी और संजीव के बीच बाद में केस चला. जिसे इंद्राणी ने जीत लिया था. फिर वो इंग्लैंड में चली गई थी. मगर साल 2002 में इंद्राणी ने पीटर मुखर्जी की शादी की. इसके बाद पीटर विधि को कानूनी तौर पर गोद ले लिया था.
केरल में ड्राइविंग के दौरान नियमों की धजी उड़ाने वाले शख्स पर कार्रवाई करते हुए मोटर व्हीकल विभाग ने तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. अलप्पुझा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) आर. रामनन की जांच के बाद आरोपी पुजारी बैजू विंसेंट के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर किया गया है.
दिल्ली-कनाडा फ्लाइट को बीते सप्ताह उड़ाने की धमकी एक मेल के जरिए दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा है. यह मेल बच्चे ने हंसी-मजाक में भेज दिया था. वह यह देखना चाहता था कि धमकी भरा मेल भेजने के बाद पुलिस उसे ट्रेस कर पाती है या नहीं. अब उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा.
‘जिस घर में कील लगाते जी दुखता था, उसकी दीवारें कभी भी धसक जाती हैं. आंखों के सामने दरार में गाय-गोरू समा गए. बरसात आए तो जमीन के नीचे पानी गड़गड़ाता है. घर में हम बुड्ढा-बुड्ढी ही हैं. गिरे तो यही छत हमारी कबर (कब्र) बन जाएगी.’ जिन पहाड़ों पर चढ़ते हुए दुख की सांस भी फूल जाए, शांतिदेवी वहां टूटे हुए घर को मुकुट की तरह सजाए हैं. आवाज रुआंसी होते-होते संभलती हुई.