CrPC Section 86: कुर्क संपत्ति की वापसी के लिए किए गए आवेदन से जुड़ी है धारा 86
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सीआरपीसी (CrPC) की धारा 86 (Section 86) में कुर्क संपत्ति की वापसी के लिए आवेदन नामंजूर करने वाले आदेश से अपील का प्रावधान (Provision of appeal) बताया गया है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 86 इस बारे में क्या कहती है?
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) में वो कानूनी प्रक्रियाएं (Legal procedures) मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल अदालती कार्यवाही (Court proceedings) और पुलिस की कार्य प्रणाली के दौरान किया जाता है. ऐसे ही सीआरपीसी (CrPC) की धारा 86 (Section 86) में कुर्क संपत्ति की वापसी के लिए आवेदन नामंजूर करने वाले आदेश से अपील का प्रावधान (Provision of appeal) बताया गया है. तो चलिए जानते हैं कि सीआरपीसी की धारा 86 इस बारे में क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 86 (CrPC Section 86) दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure) की धारा 86 में कुर्क की जा चुकी संपत्ति की वापसी (Return of property) के लिए आवेदन नामंजूर (Application rejected) करने वाले आदेश से अपील का प्रावधान (Provision of appeal) किया गया है. CrPC की धारा 86 के अनुसार, धारा 85 की उपधारा (3) में निर्दिष्ट कोई व्यक्ति (Specified person), जो संपत्ति या उसके विक्रय के आगमों के परिदान के इनकार (Denial of delivery) से व्यथित है, उस न्यायालय से अपील (Appeal to court) कर सकता है जिसमें प्रथम उल्लिखित न्यायालय के दंडादेशों (Court sentences) से सामान्यता या अपीलें होती हैं.
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क्या है सीआरपीसी (CrPC) सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.
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