
CrPC Section 118: जिस शख्स के खिलाफ दी गई हो इत्तिला, उसी से जुड़ी है CrPC की ये धारा
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इत्तिला से संबंधित शख्स को छोड़े जाने को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 118 (Section 118) में परिभाषित किया गया है. आइए जान लेते हैं कि सीआरपीसी की धारा 118 इस बारे में क्या बताती है?
Code of Criminal Procedure: किसी भी मामले में जब संबंधित अदालत (Court) में या पुलिस (Police) को किसी शख्स के बारे में सूचना मिलती है. उसी व्यक्ति को छोड़े जाने को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 118 (Section 118) में परिभाषित किया गया है. आइए जान लेते हैं कि सीआरपीसी की धारा 118 इस बारे में क्या बताती है?
सीआरपीसी की धारा 118 (CrPC Section 118) दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1973) की धारा 118 (Section 118) में उस शख्स के निर्वहन का प्रावधान (Provision of discharge) है, जिसके बारे में इत्तिला (Information) दी गई है. CrPC की धारा 118 के अनुसार, यदि धारा 116 के अधीन (Under the code 116) जांच में यह साबित नहीं होता है कि, यथास्थिति, परिशांति (Calmness) कायम रखने के लिए या सदाचार (virtue) बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि वह व्यक्ति, जिसके बारे में जांच की गई है, बंधपत्र निष्पादित (Bond executed) करे तो मजिस्ट्रेट (Magistrate) उस अभिलेख में उस भाव की प्रविष्टि (Quote entry) करेगा और यदि ऐसा व्यक्ति केवल उस जांच के प्रयोजनों (Purposes of investigation) के लिए ही अभिरक्षा (Custody) में है तो उसे छोड़ देगा अथवा यदि ऐसा व्यक्ति अभिरक्षा में नहीं है तो उसे उन्मोचित (Discharged) कर देगा.
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क्या है सीआरपीसी (CrPC) सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है. CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है.
1974 में लागू हुई थी CrPC सीआरपीसी के लिए 1973 में कानून (Law) पारित किया गया था. इसके बाद 1 अप्रैल 1974 से दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी (CrPC) देश में लागू हो गई थी. तब से अब तक CrPC में कई बार संशोधन (Amendment) भी किए गए है.

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