
China की रेल भारत की 'दहलीज' तक इसी महीने देगी 'दस्तक', सैनिक ठिकानों को भी कर रहा दुरुस्त
Zee News
दक्षिण-पूर्व तिब्बत में निंगची चीन का पुराना सैनिक अड्डा है. अभी यहां पर चीनी सेना की 52वीं और 53वीं माउंटेन इंफेंट्री ब्रिगेड्स का हेडक्वार्टर है.
नई दिल्ली: चीन (China) की सबसे तेज रेलवे में से एक इस महीने के अंत तक अरुणाचल प्रदेश की दहलीज तक पहुंच जाएगी. तिब्बत की राजधानी ल्हासा से भारत की सीमा से केवल 17 किलोमीटर दूर निंगची (Nyingchi) तक पहुंचने वाली इस रेलवे लाइन को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने पर 30 जून को शुरू कर दिया जाएगा. निंगची में पहले ही एक एयरपोर्ट है जो तिब्बत के उन चार एयरपोर्ट्स में से एक है जिनका इस्तेमाल नागरिक उड़ानों के अलावा सैनिक उड़ानों के लिए होता है. चीनी राष्ट्रपति जी जिनपिंग (Xi Jinping) इस रेलवे लाइन के बारे में पहले ही कह चुके हैं कि ये चीन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है. 435 किलो मीटर के इस रेलवे सेक्शन का 90 प्रतिशत हिस्सा तिब्बत के पठार में 15000 फीट से ज्यादा ऊंचाई से गुजरता है.
Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









