
BSP ने यूपी की दो दर्जन सीटों पर बढ़ाई धड़कन, NDA या INDIA गुट में से किसके लिए ज्यादा संकट?
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बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पांचवी लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में 11 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है. इस बार भी कई ऐसे नाम हैं जो बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का कारण बनेंगे.
बहुजन समाज पार्टी ने अपने कैंडिडेट चुनने में अपने प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के मुकाबले ज्यादा हुनर दिखाया है. यही कारण है कि बीएसपी ने अब तक प्रदेश की करीब 2 दर्जन सीटों पर चुनावी गणित ही बदल दिया है. पहले बीएसपी पर आरोप था कि वो बीजेपी की बी टीम बनकर काम कर रही है. बाद में आरोप लगा कि बीएसपी समाजवादी पार्टी के साथ फ्रेंडली मैच खेल रही है. दरअसल बीएसपी ने ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं कि दोनों पार्टियों को दिन में तारे नजर आने लगे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि बीएसपी के प्रत्याशियों को समाजवादी पार्टी और बीजेपी से कमजोर समझना राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भूल साबित होने वाला है. बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की मंगलवार को पांचवी लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में 11 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है. इस लिस्ट में भी कई ऐसे नाम हैं जो बीजेपी और समाजवादी पार्टी के लिए चिंता का कारण बनेंगे. जौनपुर से पूर्व सांसद रहे बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का नाम भी इस लिस्ट में है. मायावती ने मैनपुरी सीट से अपना प्रत्याशी भी बदल दिया है.
बदायूं में मुस्लिम खां का मुकाबला समाजवादी पार्टी के आदित्य यादव और बीजेपी के दुर्विजय सिंह शाक्य से होगा. बदायूं में मुस्लिम खां निश्चित रूप से आदित्य यादव के लिए मुश्किल बनेंगे. यहां समाजवादी पार्टी से पहले टिकट न मिलने के चलते सलीम शेरवानी ने समाजवादी पार्टी से नाराज होकर पार्टी छोड़ चुके हैं. जाहिर है कि मुस्लिम खां उस नाराजगी को कैश करने की कोशिश करेंगे. अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए राहत की बात होगी.
डुमरियागंज में बीजेपी ने जगदम्बिका पाल को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने कुशल तिवारी को मैदान में उतारा है. यहां बीएसपी ने मुस्लिम चेहरे पर दांव लगाया है. डुमरियागंज में जगदम्बिका पाल बड़ी मुश्किल पिछली बार अपनी सीट बचा पाए थे. इस बार समाजवादी पार्टी ने पूर्वांचल के ब्राह्णण शिरोमणि माफिया डॉन हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी को टिकट दिया था. हरिशंकर तिवारी के नाम पर आज भी ब्राह्मण वोट एकजुट होते हैं. लग रहा था कि समाजवादी पार्टी के लिए यह सीट आसान बन जाएगी पर बीएसपी ने पेंच फंसा दिया है. बीएसपी ने मुस्लिम चेहरे ख्वाजा शम्सुद्दीन को टिकट देकर समाजवादी पार्टी की मुश्किल बढ़ाने का काम किया है.
जौनपुर में बीजेपी ने कृपाशंकर सिंह को टिकट दिया है, वहीं सपा ने बाबूलाल कुशवाहा को उतारा है. यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. बीजेपी ने कृपाशंकर सिंह को राजपूत वोटों की लालच में यहां लाया था. पर अब जब धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को बीएसपी से टिकट मिल गया है तो जाहिर है कि यहां मुकाबला टफ हो गया है. राजपूत वोटों को धनंजय सिंह के साथ जाने से बीजेपी रोक नहीं सकेगी. बाबूलाल कुशवाहा की स्थिति यहां मजबूत हो सकती है.
बरेली में बीएसपी उम्मीदवार छोटेलाल गंगवार का मुकाबला छत्रपाल गंगवार से हैं. बीजेपी ने इस बार संतोष गंगवार की जगह छत्रपाल गंगवार को टिकट दिया है. मतलब सीधा है कि यहां पर बीजेपी उम्मीदवार को अपनी जाति के ही पूरे वोट मिलने में मुश्किल होनी है.
सहारनपुर लोकसभा सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट देकर बीएसी ने यहां त्रिकोणीय मुकाबला करा दिया है. भाजपा ने लोकसभा सीट से पूर्व सांसद राघव लखनपाल को एक बार फिर उम्मीदवार बनाया है. राघव ने 2014 में सहारनपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी. 2019 में यह सीट सपा-बसपा गठबंधन के तहत बसपा के पाले में गई बसपा के फजलुर्हमान ने इस सीट से जीत दर्ज की. कांग्रेस ने यहां से इमरान मसूद को कैंडिडेट बनाया है. बसपा ने यहां से माजिद अली को टिकट दिया है. बसपा ने यहां इमरान मसूद की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सहारनपुर में बीजेपी नेता लगातार कांबिंग कर रहे हैं. यहां बीजेपी को बढ़त मिल सकती है.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

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