
APJ Abdul Kalam Death Anniversary Special: सादगी, मेहनत, ईमानदारी और ज़हानत की अज़ीम मिसाल
Zee News
मिसाइल मैन (Missile Man APJ Abudl Kalam) के नाम से मशहूर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की ज़िदंगी हमें सिखाती है कि मेहनत और ईमानदारी के दम पर इंसान कैसे मुल्क का सबसे बड़ा ओहदा हासिल कर सकता है
नई दिल्ली: सपने वो नहीं होते जो आप सोने के बाद देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते" इन दो लाइनों में पूर्व राष्ट्रपति और अज़ीम वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr APJ Abdul Kalam) ने पूरी ज़िदगी का फलसफ़ा समझा दिया. आज कलाम साहब की पुण्यतिथि है. मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की ज़िदंगी हमें सिखाती है कि मेहनत और ईमानदारी के दम पर इंसान कैसे मुल्क का सबसे बड़ा ओहदा हासिल कर सकता है और कैसे तमाम रुकावटों को मेहनत और लगन के दम पर आगे बढ़ा जा सकता है. कलाम साहब पुण्यतिथि के मौके पर हमें उनकी ज़िदगी के सफर को फिर से जानने और समझने की ज़रूरत हैं, क्योंकि जब-जब भी आप कलाम साबह की ज़िदगी के सफ़र को पढ़ेगे आपको ज़िदगी में आगे बढ़ने की सीख मिलेगी. अवुल पकिर जैनुलअबिदीन अब्दुल कलाम उनका पूरा नाम था. डॉ. कलाम की का पैदाईश 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुसलमान खानदान में हुई थी. उनके वालिद जैनुलअबिदीन एक मल्लाह (नाविक) थे और उनकी मां अशिअम्मा हाउस वाइफ थीं. कलाम साहब के खानदान की माली हालत बेहद खस्ता थी, इसलिए उन्हें छोटी उम्र से ही काम करना पड़ा. अपने वालिद की माली मदद के लिए छोटी उम्र में ही कलाम साहब स्कूल में पढ़ाई करने के साथ साथ अखबार बांटने का काम भी करते थे. उनके अन्दर सीखने की भूख थी और वो पढ़ाई में कई-कई घंटे गुज़ारा करते थे. उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की और उसके बाद तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज में दाखिला लिया. जहां से उन्होंने 1954 में भौतिक विज्ञान (Physics) में ग्रेजुएशन किया. उसके बाद साल 1955 में वो मद्रास चले गए जहां से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की तालीम हालिस की. साल 1960 में कलाम ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई मुकम्मल की.
Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









