
Acid Attack Case: 'पीटा, एसिड पीने के लिए मजबूर किया', कोर्ट ने पति, सास और ननद को दोषी ठहराया
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acid attack ki khabar: दिल्ली की एक अदालत ने 2019 में एक महिला को जबरन एसिड पिलाने के मामले में उसके पति और दो अन्य को दोषी करार दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ट्विंकल वाधवा ने महिला के पति शमीन को बेल्ट से पीटने के आरोप में दोषी ठहराया.
दिल्ली की एक अदालत ने 2019 में एक महिला को जबरन एसिड पिलाने के मामले में उसके पति और दो अन्य को दोषी करार दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ट्विंकल वाधवा ने महिला के पति शमीन को बेल्ट से पीटने के आरोप में दोषी ठहराया. वहीं, सास हसीना और ननद शबनम को एसिड पिलाने के मामले में दोषी पाया गया. यह मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने) और 326A (एसिड आदि से गंभीर चोट पहुंचाने) के तहत दर्ज किया गया था.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 5 मार्च 2019 को शमीन ने पहले अपनी पत्नी की पिटाई की, फिर उसकी सास और ननद ने जबरन उसे एसिड पिलाया.
क्या रहा कोर्ट का फैसला कोर्ट ने अपने 14 फरवरी के फैसले में कहा कि पीड़िता ने अपनी आपबीती स्पष्ट रूप से बताई और मजिस्ट्रेट के सामने भी यही बयान दोहराया. बचाव पक्ष ने दलील दी कि मेडिकल रिपोर्ट में महिला के शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं पाई गई, लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा, 'बेल्ट से पीटने पर दर्द और मानसिक आघात हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि हमेशा बाहरी चोट के निशान दिखाई दें.'
बचाव पक्ष ने दिया ये तर्क इसके अलावा, पति के वकील ने दावा किया कि घटना के दो दिन बाद पीड़िता ने दो लिखित बयान दिए थे, जिनमें उसने कहा था कि गुस्से में उसने खुद एसिड पी लिया था. कोर्ट ने इस दलील को नकार दिया और कहा कि जब महिला को अस्पताल लाया गया, तब उसकी हालत गंभीर थी, उसकी आवाज तक बंद हो गई थी और एसिड के असर से उसका गला, पेट और अन्य अंग जल गए थे. कोर्ट ने कहा, 'ऐसी स्थिति मे उससे जबरन बयान दिलवाया गया हो सकता है.'
कोर्ट ने पति शमीन को पत्नी की पिटाई और उसकी सास व ननद को एसिड पिलाने के लिए दोषी करार दिया है. तीनों पर आईपीसी की धारा 326A और 34 (सामूहिक इरादा) के तहत दोष सिद्ध हुआ है. अब 12 मार्च को सजा पर बहस होगी, जिसके बाद कोर्ट सजा तय करेगा.

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