5 राउंड से आगे ऋषि सुनक पर आखिरी मुकाबला हारने का खतरा, जानिए भारत से कितनी अलग है ब्रिटेन में पीएम की रेस?
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ब्रिटेन में नए पीएम की रेस रोचक दौर में पहुंच गई है. 5 राउंड की वोटिंग के बाद सिर्फ दो उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस रह गए हैं. खास बात ये है कि ऋषि सुनक सभी राउंड में सबसे आगे रहे हैं. उन्हें 5वें दौर में 137 वोट मिले. जबकि लिज ट्रस को 113 वोट मिले. अब आखिरी फैसला कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों के पास है.
ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन ने 7 जुलाई को पीएम और पार्टी नेता के पद से इस्तीफा दिया था. इसके बाद 12 जुलाई को ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी (टोरी पार्टी) के नेतृत्व के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. शुरुआत में 8 नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की थी. लेकिन 5 राउंड की वोटिंग के बाद सिर्फ दो उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस रह गए हैं. 5 सितंबर को कंजर्वेटिव पार्टी के नए नेता के नाम का ऐलान किया जाएगा. यही ब्रिटेन का अगला पीएम होगा. खास बात ये है कि लगातार 5 राउंड की वोटिंग में टॉप पर चल रहे सुनक के लिए पीएम की रेस के लिए आखिरी दौर की लड़ाई काफी कठिन बताई जा रही है. आइए जानते हैं कि आखिर ऋषि सुनक के लिए आखिरी राउंड क्यों कठिन माना जा रहा है और भारत से ब्रिटेन में पीएम उम्मीदवार की रेस कितनी अलग है?
सितंबर 2013 में भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह मीडिया को संबोधित करते हुए कहते हैं कि हमारी पार्टी की परंपरा रही है कि जब भी लोकसभा चुनाव होता है, तब बीजेपी पीएम उम्मीदवार का ऐलान करती रही है. इस बार 2014 में लोकसभा चुनाव होने हैं. इस बार भी हमने यही परंपरा जारी रखी है. इस विषय पर बीजेपी की संसदीय दल की बैठक हुई. इस बैठक में संसदीय दल ने फैसला किया है कि नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए. ये फैसला जनता और कैडर का मूड देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने किया है. बीजेपी ने बहुमत के साथ 2014 का चुनाव जीता. नरेंद्र मोदी पीएम बने. उनके नेतृत्व में 2019 में भी पार्टी सरकार बनाने में सफल रही.
इसी तरह कुछ 2004 में हुआ था, तब सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा और 145 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. सोनिया गांधी सरकार बनाने के दावे के साथ तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से मिलीं. इसके बाद माना जा रहा था कि सोनिया गांधी देश की प्रधानमंत्री बनेंगी. लेकिन बीजेपी ने एक बार फिर सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाया. सहयोगी दलों के साथ तमाम बैठकें हुईं. सभी सोनिया गांधी के पीएम बनने के पक्ष में थे. लेकिन सोनिया गांधी ने ये कहकर सभी को चौंका दिया कि वे पीएम का पद मनमोहन सिंह को ऑफर कर रही हैं.
हालांकि, भारत में भी किसी पार्टी के लिए पीएम उम्मीदवार का चयन करना उतना आसान नहीं रहता, जितना नजर आ रहा है. इसके लिए तमाम दौर की बैठकें होती हैं. जनता का रुख, कार्यकर्ताओं का मूड और अन्य राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर पार्टी अपना नेता चुनती है. कई बार एक से अधिक उम्मीदवार होने पर अंदरूनी चुनाव भी होता है. हालांकि, यह इतना जोर शोर से नहीं होता, जितना ब्रिटेन में देखने को मिलता है.
ब्रिटेन में कैसे होता है पीएम उम्मीदवार का चयन ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में हैं. बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद से नए नेता की तलाश की जा रही है. कंजर्वेटिव पार्टी में दो चरणों में चुनाव होता है. यहां सिर्फ वही उम्मीदवार पार्टी नेता के पद के लिए नामांकन कर सकता है, जिसके पास 20 से सांसदों का समर्थन होता है.
इस बार भी ब्रिटेन में 8 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. इसके बाद पार्टी के सांसद वोट करते हैं. जिस उम्मीदवार को कम वोट मिलते हैं, वो बाहर हो जाता है. ये प्रक्रिया तब तक चलती रहती है, जब तक दो उम्मीदवार न रह जाएं.
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